प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नए संसद भवन की छत पर विशालकाय अशोक स्तंभ का अनावरण किया था. लेकिन उस अनावरण के बाद से ही उस पर राजनीति तेज हो गई है. पहले पीएम की मौजूदगी पर सियासत थी, अब उस विशालकाय अशोक स्तंभ की डिजाइन पर सवाल उठने लगे हैं.
अब उन तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए आजतक ने मूर्तिकार सुनील देवरे से खास बातचीत की है. जब सुनील से शेरों के मुंह ज्यादा खुले होने पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने इसे नकारते हुए बताया कि हमे एक स्पष्ट ब्रीफ दिया गया था. इस विशालकाय अशोक स्तंभ बनाने में हमे 9 महीने के करीब लग गए. सरकार से कोई हमे सीधा कॉन्ट्रैक्ट नहीं मिला था. हमने किसी के कहने पर कोई बदलाव नहीं किया है. सारनाथ में मौजूद स्तंभ का ही ये कॉपी है.
सुनील देवरे ने इस बात की भी जानकारी दी कि ये अशोक स्तंभ बनाने के लिए उन्हें सरकार या बीजेपी से कोई कॉन्ट्रैक्ट नहीं मिला था. उनका करार टाटा के साथ हुआ था. उन्हीं को सुनील द्वारा अशोक स्तंभ का मॉडल दिखाया गया था, जब अप्रूवल मिला, तब उस पर काम शुरू किया गया. वैसे क्योंकि डिजाइन पर इतने सवाल उठाए गए, ऐसे में बीजेपी नेता अमित मालवीय ने भी ट्वीट कर विपक्ष पर निशाना साधा.
उन्होंने लिखा कि नए संसद भवन में जो अशोक स्तंभ रखा गया है, वो पूरी तरह सारनाथ वाले मॉडल से ही प्रेरित है. उसमें किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है. विपक्ष ने एक प्रिंट हुआ 2डी मॉडल देखा था, अब वो उसकी तुलना इस 3डी आकृति से कर रहे हैं. ये लोग पूरी तरह भटक चुके हैं. वहीं स्मृति ईरानी ने भी इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि जिन लोगों ने संविधान तोड़ा, वे अशोक स्तंभ का क्या कहेंगे. जो मां काली का सम्मान नहीं कर सकते, वे अशोक स्तंभ का क्या करेंगे. मूर्तिकार ने अपनी तरफ से कुछ भी नहीं बदला है.
केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने एक ट्वीट कर विपक्ष को समझाने का प्रयास किया है. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में लिखा है कि अगर जिस सारनाथ मॉडल से प्रेरित होकर ये अशोक स्तंभ बनाया गया है, इसके आकार में बदलाव नहीं किया जाता तो इतनी ऊंचाई से ये किसी को नहीं दिखने वाला था. इन एक्सपर्ट को ये भी समझना चाहिए कि असल सारनाथ ग्राउंड लेवल पर स्थित है, लेकिन ये नया और विशालकाय अशोक स्तंभ है, ये जमीन से 33 मीटर की ऊंचाई पर है.
Watch #Exclusive: Artist Sunil Deore tells about the challenges he faced during the finishing of the national emblem#NewsTrack #NewParliament #SunilDeore (@rahulkanwal) pic.twitter.com/ucoAsjXOzq
— IndiaToday (@IndiaToday) July 12, 2022
वैसे आज विवाद डिजाइन को लेकर है, कल तक पीएम की मौजूदगी को लेकर नाराजगी जाहिर की जा रही थी. AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने उस अनावरण के दौरान पीएम मोदी की मौजूदगी पर कहा था कि संविधान संसद, सरकार और न्यायपालिका की शक्तियों को अलग करता है. सरकार के प्रमुख के रूप में, प्रधानमंत्री मोदी को नए संसद भवन के ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण नहीं करना चाहिए था. लोकसभा का अध्यक्ष लोकसभा का प्रतिनिधित्व करता है जो सरकार के अधीनस्थ नहीं है. प्रधानमंत्री ने सभी संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन किया है.