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असम के CM की मुस्लिमों से अपील- बढ़ती जनसंख्या सामाजिक खतरे की जड़, फैमिली प्लानिंग करें

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि हम जनसंख्या के बोझ को कम करने के लिए मुस्लिम समुदाय के लिए और काम करना चाहते हैं. उन्होंने जनसंख्या को हर सामाजिक संकट की मूल जड़ बताया और कहा कि यदि हम इसे नियंत्रित कर लें तो सामाजिक बुराई अपने आप कम हो जाएगी.

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असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा (PTI)
असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा (PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • हिमंत ने मुस्लिमों से परिवार नियोजन नीति अपनाने की अपील की
  • उन्होंने कहा कि जनसंख्या हर सामाजिक संकट की मूल जड़ है
  • 'सरकारी नौकरियों की तरह जल्द ही प्रभावी होगी जनसंख्या नीति'

असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को राज्य के अल्पसंख्यक मुस्लिम लोगों से जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक अच्छी परिवार नियोजन नीति अपनाने की अपील की. उन्होंने कहा कि जनसंख्या हर सामाजिक संकट की मूल जड़ है और यदि हम इसे नियंत्रित कर लें तो सामाजिक बुराई अपने आप कम हो जाएगी. 

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असम के मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जनसंख्या नीति पहले से ही है और यह सरकारी नौकरियों की तरह जल्द ही प्रभावी होगी. पिछली विधानसभा में जनसंख्या नीति लागू भी की गई थी, लेकिन सरकार अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के लिए जनसंख्या का बोझ कम करने के लिए काम करना चाहती है.

हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, ''हम जनसंख्या के बोझ को कम करने के लिए अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के लिए और काम करना चाहते हैं. हम उनके साथ मिलकर काम करना चाहते हैं, ताकि राज्य में जनसंख्या को नियंत्रित किया जा सके. जनसंख्या गरीबी, भूमि अतिक्रमण जैसे सामाजिक खतरे की मुख्य जड़ है और हम इस सामाजिक खतरे को कम कर सकते हैं यदि जनसंख्या कम हो जाए.''

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पंचायत चुनाव, सहकारी, नगरपालिका चुनाव में इसे पहले ही काफी हद तक लागू किया जा चुका है. हम इस पर काम कर रहे हैं. हिमंत बिस्वा सरमा ने असम में बतौर मुख्यमंत्री अपना पहला महीना पूरा कर लिया है. मई की शुरुआत में आए असम विधानसभा चुनाव में मिली बीजेपी को जीत के बाद हिमंत बिस्वा सरमा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.

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सरमा ने आगे कहा कि उनकी सरकार अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय की महिलाओं को शिक्षित करने पर ध्यान केंद्रित करेगी, ताकि समस्या का सही तरीके से समाधान किया जा सके. असम के मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार किसी को भी सत्र, नामघरों, पवित्र स्थानों, जंगल की जमीन पर कब्जा नहीं करने देगी और समुदाय के नेताओं ने सरकार को आश्वासन दिया है कि वे इन स्थानों पर अतिक्रमण नहीं करेंगे. बता दें कि असम सरकार ने राज्य के कई हिस्सों में सत्र, पवित्र स्थानों, वन भूमि से अतिक्रमणकारियों को बेदखल करने का अभियान भी शुरू कर दिया है.

 

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