असम में सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए राज्य सरकार धीरे-धीरे जनसंख्या नीति लागू करने वाली है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर बयान भी दिया था. अब राज्य में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने जनसंख्या कंट्रोल पर टिप्पणी की है. एक तरह से कांग्रेस ने इसका समर्थन किया है.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को कहा था कि राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने के लिए धीरे-धीरे टू-चाइल्ड पॉलिसी लागू की जाएगी. उन्होंने कहा था, ''कर्ज माफी हो या कोई अन्य सरकारी स्कीम, हम धीरे-धीरे इन योजनाओं के लिए जनसंख्या नीति लागू करेंगे. जनसंख्या मानदंड चाय बागानों, एससी, एसटी समुदायों पर लागू नहीं होंगे, लेकिन भविष्य में सरकार से लाभ प्राप्त करने वाले अन्य सभी पर लागू होंगे क्योंकि असम में जनसंख्या नीति पहले ही शुरू हो चुकी है.''
इस मुद्दे पर बात करते हुए असम कांग्रेस के विधायक और विपक्षी दल के नेता देवव्रत सैकिया ने कहा है कि पहले शिक्षा विभाग या मंत्रालय था, लेकिन कांग्रेस सरकार ने ह्यूमन को रिसोर्स बनाने के उद्देश्य से मानव संसाधन विकास विभाग का इस्तेमाल किया था और कांग्रेस सरकार ने भी 'हम दो-हमारे दो' के स्लोगन्स का इस्तेमाल किया था. लोगों से इस नीति को अपनाने का आग्रह भी किया था. यह नया नहीं है.'' कांग्रेस विधायक ने आगे कहा, ''हम भी जनसंख्या पर कंट्रोल चाहते हैं. हालांकि, हम यह नहीं कह सकते कि बीजेपी ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर बहुत कुछ किया है.''
सीएम सरमा ने मुस्लिम समुदाय से की थी अपील
हाल ही में सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य में रहने वाले अल्पसंख्यक मुस्लिम लोगों से जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक अच्छी परिवार नियोजन नीति अपनाने की अपील की थी. उन्होंने जनसंख्या को हर सामाजिक संकट का मूल जड़ बताते हुए कहा था कि अगर हम इसे कंट्रोल करने में कामयाब हो गए तो सामाजिक बुराई अपने आप कम हो जाएगी. उन्होंने बताया कि इस नीति को जल्द ही राज्य सरकार सरकारी नौकरियों में भी लागू करेगी.