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असम: बाल विवाह के मामलों में 78 महिलाओं समेत 2500 गिरफ्तार, बनाए जा रहे अस्थाई जेल

असम में बाल विवाह के मामलों में अब तक 2,528 गिरफ्तारियां हुई हैं. गिरफ्तार लोगों में 78 महिलाएं भी शामिल हैं. कछार जिले में आरोपियों को रखने के लिए अस्थाई जेल बनाई जा रही है. जबकि गोलपारा में अवैध शरणार्थियों के लिए बने सेंटर का इस्तेमाल बाल विवाह मामलों में आरोपियों को रखने के लिए किया जा रहा है.

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असम में बाल विवाह के मामलों में पुलिस कार्रवाई का विरोध करते स्थानीय लोग (फोटो- पीटीआई)
असम में बाल विवाह के मामलों में पुलिस कार्रवाई का विरोध करते स्थानीय लोग (फोटो- पीटीआई)

असम में बाल विवाह के मामलों में पुलिस का ताबड़तोड़ एक्शन जारी है. अब तक 4,074 केस दर्ज किए गए हैं. इनमें 2,528 गिरफ्तारियां हुई हैं. गिरफ्तार लोगों में 78 महिलाएं भी शामिल हैं. असम में गिरफ्तार आरोपियों को रखने के लिए अस्थायी जेल बनाए जा रहे हैं. 

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कछार जिले के एसपी नोमल महट्टा ने बताया कि हमें अस्थाई जेल बनाने की मंजूरी मिल गई है. इसे सिलचर के पास एक सरकारी परिसर में बनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि इमारत पहले से बनी है. बस सुरक्षा की व्यवस्था करनी होगी. हालांकि, इनका इस्तेमाल तब होगा, जब जेलों में जगह नहीं बचेगी. 
 
गोलपारा में मटिया में अवैध शरणार्थियों के लिए बने ट्रांजिट कैंप का इस्तेमाल बाल विवाह के मामलों में आरोपियों को रखने करने के लिए किया जा रहा है. यह असम का पहला कैंप है, जिसे संदिग्ध और अवैध तरीके से भारत में आए विदेशियों को रखने के लिए बनाया गया है. इसकी क्षमता 3000 लोगों को रखने की है.  
 
उधर, विपक्ष ने असम सरकार की इस कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं. विपक्ष का कहना है कि ये कार्रवाई सिर्फ लोगों को डराने के लिए है. बाल विवाह के मामलों में जिन लोगों की गिरफ्तारी हुई है, उनके परिजन भी पुलिस और असम सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. 
 
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन ने असम में हो रही कार्रवाई का स्वागत किया है. हालांकि, फाउंडेशन की ओर से कहा गया है कि असम सरकार को पीड़ितों को वित्तीय-कानूनी सहायता प्रदान करनी चाहिए और उनके लिए पुनर्वास की व्यवस्था करनी चाहिए. फाउंडेशन ने मांग की है कि जब तक आरोपी पति को जमानत नहीं मिल जाती, तब तक सरकार हर महिला को 2000 रुपए प्रति माह की आर्थिक मदद दे. वहीं, AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि असम सरकार अगर इस बाल विवाह की समस्या को खत्म करना चाहती है, तो उसे साक्षरता का स्तर बढ़ाना चाहिए. 

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पुलिस की कार्रवाई का हो रहा विरोध

असम में अब 2528 लोगों की गिरफ्तार किया जा चुका है. इन मामलों में ज्यादातर आरोपी घर के मुखिया या अकेले कमाने वाले हैं, ऐसे में राज्यभर में असम पुलिस की कार्रवाई का विरोध हो रहा है. आरोपियों की पत्नियां, बच्चे और परिवार के सदस्य सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उधर, असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा कि राज्य में पिछले साल 6.2 लाख से अधिक गर्भवती महिलाओं में 17 प्रतिशत नाबालिग थीं. 

असम पिछले कई सालों से बाल विवाह की कुरीति से जूझ रहा है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार असम में मातृ और शिशु मृत्यु दर सबसे ज्यादा है. इसकी प्रमुख वजह बाल विवाह है. इसके बाद कैबिनेट ने बाल विवाह करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रस्ताव पास किया था. इसके तहत 14 साल से कम उम्र के लड़का या लड़की से शादी करने के आरोपी पर पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है. साथ ही बाल विवाह कानून के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है. 
 


 

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