scorecardresearch
 

असम में परिसीमन 2001 की जनगणना के मुताबिक़ क्यों होगा? : आज का दिन, 29 दिसंबर

असम में परिसीमन 2001 की जनगणना के मुताबिक़ करने का क्या मकसद है, जम्मू-कश्मीर पर गृहमंत्री अमित शाह की अहम बैठक में क्या हुआ और पीएम मोदी से रिश्तों पर गौतम अडानी ने क्या कहा? सुनिए 'आज का दिन' में.

Advertisement
X
assam delimitation
assam delimitation

जम्मू कश्मीर में डिलीमिटेशन हो गया है. अब नए सीट बंटवारे के साथ वहाँ चुनाव होंगे. इस के बाद शुरू हो गई है असम के डिलीमिटेशन की तैयारी. चुनाव आयोग ने इसकी घोषणा कर दी है. साथ ही ये निर्देश भी दिए गए हैं कि ये प्रक्रिया पूरी होने तक राज्य सरकार कोई नया जिला मुख्यालय न बनाए. चुनाव आयोग ही इस पूरी प्रक्रिया को अंजाम देगा. साल 1976 के बाद ये पहला डिलीमिटेशन किया जा रहा है. इसके बाद से ही असम की आबादी लगातार बढ़ी ही है. इसे यूं भी समझ सकते हैं कि साल 1971 में असम की आबादी थी 1 करोड़ 46 लाख. साल 2001 में ये बढ़ कर 2 करोड़ 66 लाख हुई और अभी ये आंकड़ा 2011 की जनगणना के अनुसार 3 करोड़ 12 लाख है. ऐसे में इस दिलीमेटेशन की मांग एक लंबे समय से हो रही थी. हालांकि इस पर विपक्ष की आपत्ति भी दिलचस्प है. आयोग का कहना है कि ये डिलीमिटेशन साल 2001 की जनगणना के आधार पर होगा. विपक्ष कह रहा है कि इसे साल 2011 की जनगणना के आधार पर किया जाए. एक दलील ये भी है कि कुछ ही दिन में नई जनगणना होने वाली है, ऐसे में क्यों न थोड़े दिन रुक कर ही ये प्रक्रिया शुरू की जाए. सरकार कह रही है कि उसका इससे कोई लेना देना नहीं ये पूरी तरह चुनाव आयोग के हाथ में हैं.

Advertisement

 

 

असम को डिलीमेटेशन और नए सीट बंटवारे की जरूरत क्यों है और 2001 के आधार पर डिलीमेटेशन क्यो किया जायेगा? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें. 

-----------------------------
जम्मू कश्मीर में कल सिधरा में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. चार आतंकियों के मारे जाने के बाद पूरा प्रशासन अलर्ट पर था. DGP दिलबाग सिंह ने कल ये भी बताया था कि आतंकवादी ट्रक से कश्मीर की ओर जा रहे थे. ऐसे में अंदेशा जताया गया था कि  26 जनवरी या उसके आस-पास ये आतंकी किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने जा रहे हों. इसी को देखते हुए कल गृह मंत्री अमित शाह ने लेह-लद्दाख और जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा और विकास के मुद्दे पर दिल्ली में हाई लेवल मीटिंग की जिसमें इसमें गृह सचिव, NIA,CRPF-BSF के अधिकारी और LG मनोज सिन्हा मौजूद रहे. इस बैठक में क्या हुआ और किन खतरों पर चर्चा हुई? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें. 

Advertisement

-------------------------------------
साल 2022 ख़त्म होने की ओर है. कई चीजें चर्चा में रहीं, कई व्यक्ति भी. एक उद्योगपति हैं. गौतम अडानी. शायद ही  इनके अलावा किसी नाम पर इतना विवाद हुआ हो. राजनीतिक दलों का मुद्दा बन गया हो. और इस साल जब अडानी  विश्व के दूसरे अमीर व्यक्ति बने तब ये हल्ला और बढ़ गया.पिछले सात सालों में अडानी ग्रुप ने बहुत तेज़ उड़ान भरी है. साल 2016 में अडानी 3.6 बिलियन डॉलर सम्पत्ति के मालिक थे. अभी उनकी सम्पत्ति 122 अरब डॉलर क्रॉस कर चुकी है. एक्सक्लूसिव बातचीत सुनने लिए क्लिक करें. 

 

Advertisement
Advertisement