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असम के पूर्व CM की बेटी ने ड्राइवर को चप्पल से पीटा, गालियां दीं, बोलीं- गलत कमेंट करता था

असम के पूर्व मुख्यमंत्री प्रफुल्ल कुमार महंता की बेटी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें वह अपने ड्राइवर को गालियां देती और चप्पल से मारती नजर आ रही हैं.

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असम के पूर्व CM की बेटी ने ड्राइवर को चप्पल से पीटा
असम के पूर्व CM की बेटी ने ड्राइवर को चप्पल से पीटा

असम के पूर्व मुख्यमंत्री प्रफुल्ल कुमार महंता की बेटी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें वह अपने ड्राइवर को गालियां देती और चप्पल से मारती नजर आ रही हैं. यह घटना असम की राजधानी दिसपुर स्थित हाई-सिक्योरिटी एमएलए हॉस्टल परिसर के अंदर हुई, जहां अन्य लोग भी मौजूद थे.

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शराब पीकर गाली देने का आरोप
वीडियो वायरल होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री की बेटी कश्यप ने सफाई देते हुए कहा कि 'यह ड्राइवर कई सालों से हमारे परिवार के लिए काम कर रहा है, लेकिन वह हमेशा नशे में रहता है और मुझ पर गलत टिप्पणियां करता है. हमने उसे कई बार समझाया, लेकिन उसने आज हद पार कर दी जब वह हमारे घर के दरवाजे पर जोर-जोर से धमकाने लगा.'

जब पूर्व सीएम की बेटी से पूछा गया कि उन्होंने पुलिस में शिकायत क्यों नहीं की, तो उन्होंने सीधे जवाब देने से बचते हुए कहा कि 'ऐसे मामलों में अक्सर महिलाओं को ही गलत ठहरा दिया जाता है.'

ड्राइवर सरकारी कर्मचारी था या निजी, नहीं हुई पुष्टि
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ड्राइवर सरकारी कर्मचारी था या परिवार द्वारा निजी रूप से नियुक्त किया गया था.

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गौरतलब है कि असम गण परिषद (AGP) के पूर्व अध्यक्ष और दो बार मुख्यमंत्री रह चुके प्रफुल्ल कुमार महंता अब विधायक नहीं हैं, लेकिन उन्हें अपने परिवार के साथ एमएलए हॉस्टल में रहने की अनुमति दी गई है.

प्रफुल्ल कुमार महंत असम आंदोलन के नेता थे और 1985 से 1990 तक और फिर 1996 से 2001 तक असम के 11वें मुख्यमंत्री और असम गण परिषद (एजीपी) के सह-संस्थापक और पूर्व अध्यक्ष रहे. वह 1991 से 2021 तक असम विधानसभा में बरहामपुर निर्वाचन क्षेत्र और 1985 से 1991 तक नौगोंग निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. 

उन्होंने 2010 से 2014 तक और फिर 1991 से 1996 तक असम विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में भी काम किया. 1985 में जब एजीपी सत्ता में आई तो वे राज्य में मुख्यमंत्री बने. अगस्त 2005 में असम गण परिषद (एजीपी) में उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई थी. इसलिए, उन्होंने 15 सितंबर 2005 को एक नई राजनीतिक पार्टी, असम गण परिषद (प्रगतिशील) का गठन किया.

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