असम में बाढ़ ने हाहाकार मचा दिया है. यहां दिनों-दिन हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. आसमान से बरस रही आफत अबतक 173 लोगों की जान ले चुकी है. जबकि 30 जिलों में करीब 29 लाख की आबादी संकट में हैं. बीते दिन यानी शुक्रवार को बाढ़ की वजह से 14 औऱ लोगों की मौत हो गई.
एजेंसी के मुताबिक सबसे भयावह हालात कछार जिले में हैं, यहां सिलचर शहर के कई हिस्से पानी में डूब गए हैं. जनजीवन बुरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है. लोग खाने और पीने के पानी तक के लिए परेशान हो गए हैं.
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (Assam State Disaster Management Authority) के मुताबिक शुक्रवार को कछार जिले में 6, नगांव में 3, बारपेटा में 2 और करीमगंज, कोकराझार और लखीमपुर में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है. ब्रह्मपुत्र, बेकी, कोपिली, बराक और कुशियारा जैसी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, हालांकि अब अधिकांश नदियों का बहाव कम हो रहा है.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कछार जिले में बाढ़ के कारण अब तक जान गंवाने वाले 24 लोगों में से 10 के परिजनों को चार-चार लाख रुपये का मुआवजे वितरित किया. इसके साथ ही सीएम हिमंत ने ने तबाह हो चुके बेथुकुंडी बांध का भी दौरा किया. इसी बांध के टूटने के कारण सिलचर शहर में तबाही हुई.
सीएम ने कछार जिला प्रशासन के साथ एक बैठक भी की. इसमें उन्होंने बाढ़ से निपटने के उपायों के बारे में जानकारी ली. सीएम ने कहा कि अब बाढ़ को लेकर हालातों में धीरे-धीरे सुधार आ रहा है.बाढ़ से राज्य भर में 88 राजस्व मंडलों के तहत 2,450 गांव प्रभावित हुए हैं, जबकि 3,03,484 लोगों ने 563 राहत शिविरों में शरण ली है.
कछार की 14 लाख लोगों की आबादी आपदा की चपेट में हैं. वहीं नागांव और बारपेटा जिले भी बुरी तरह प्रभावित हो गए हैं. बाढ़ की वजह से असम में 17 तटबंध टूट गए हैं. जबकि 486 सड़कें और 14 पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं. 63314.75 हेक्टेयर का फसल क्षेत्र जलमग्न हो गया है.