असम-मेघालय सीमा समझौते पर हाईकोर्ट की अंतरिम रोक के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. इम मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर रिकॉर्ड मंगवाएंगे. दरअसल, असम और मेघालय के बीच सीमा विवाद को लेकर हुए MoU पर हाईकोर्ट की रोक को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने CJI के सामने उठाया तो चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने हैरानी जताते हुए पूछा कि हाईकोर्ट ने MoU पर रोक क्यों लगा दी है?
CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि आप हमें अपनी अर्जी की कॉपी दें, हम मेंशनिग के बाद मामले की सुनवाई करेंगे. सीजेआई ने कहा कि मेंशनिंग के बाद हम रिकॉर्ड मंगवाएंगे.
देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र के 2 राज्यों के बीच सीमा विवाद को लेकर दायर याचिका में दावा किया गया है कि यह संविधान की छठी अनुसूची के प्रावधानों का उल्लंघन करता है. ये उल्लंघन आदिवासी क्षेत्रों के प्रशासन के लिए बनाए गए विशेष प्रावधानों से संबंधित है.
वहीं, मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मार्च में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे. इसमें 12 विवादित स्थानों में से कम से कम 6 में सीमा का निर्धारण करने पर सहमति बनी थी. पहले इन्हीं मुद्दों की वजह से अक्सर दोनों राज्यों के बीच विवाद होता था.
पिछले साल नवंबर के महीने में असम-मेघालय सीमा पर हिंसा हुई थी. इसमें एक फॉरेस्ट गार्ड समेत 6 लोगों की मौत हो गई थी. ये हिंसा तब हुई थी, जब असम के फॉरेस्ट गार्ड ने एक ट्रक को रोका था. इस ट्रक में अवैध रूप से काटी गई लकड़ियां थीं. इस हिंसा के बाद मेघालय के सीएम कोनराड संगमा ने शिकायत करते हुए ट्वीट किया था कि असम पुलिस और असम फॉरेस्ट गार्ड ने मेघालय में प्रवेश किया और अकारण ही गोलीबारी की. इस ट्वीट में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा को टैग किया था.
वहीं, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि असम-मेघालय सीमा शांतिपूर्ण है और हमेशा रहेगी. फोर्स का इस्तेमाल किया गया और लगता है कि ये सब मनमाने ढंग से हुआ जो नहीं होना चाहिए था.
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