Assam-Meghalaya Border Disputes Updates: असम और मेघालय सीमा पर एक बार फिर उस वक्त तनाव बढ़ गया जब दोनों राज्यों की पुलिस आमने-सामने आ गईं. असम के पश्चिमी कार्बी आंगलोंग और मेघालय के री-भोई जिले के बीच के इलाके में मंगलवार से तनाव है.
बुधवार को स्थिति तब और गंभीर हो गई जब री-भोई जिले के कुछ लोगों और मेघालय पुलिस की एक टीम ने कथित तौर पर असम के पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले में उमलाफेर में घुसने की कोशिश की. इसके बाद असम पुलिस (Assam Police) ने मेघालय से आ रही भीड़ को धकेलने की कोशिश की, जिसके बाद दोनों राज्यों की पुलिस आमने-सामने आ गईं.
क्या हुआ था ?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 23 अगस्त की रात को असम पुलिस ने री-भोई जिले के तीन युवकों की कथित तौर पर पिटाई की थी. अगले दिन 24 अगस्त को मेघालय के कई लोगों ने मिलकर उमलाफेर में असम पुलिस की चेक पोस्ट पर हमला कर दिया था. पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले के एसपी अजागव्रान बासुमतारी ने दावा किया कि बुधवार को 100 से ज्यादा लोगों की भीड़ और मेघालय पुलिस (Meghalaya Police) के कई अधिकारी यहां आ गए थे और मंगलवार रात हुई घटना पर बैठक की मांग करने लगे. जिसके बाद तनाव काफी बढ़ गया था.
उन्होंने बताया, 'असम की ओर से भी कई लोग वहां इकट्ठे हो गए. बाद में मेघालय पुलिस और वहां के लोग जब लौटे तब स्थिति नियंत्रण में आई. लेकिन कुछ ही घंटो बाद फिर से मेघालय पुलिस की एक टीम असम सीमा के 15 किमी अंदर तक आ गई थी, जिन्हें असम के लोगों ने रोक दिया. पुलिस और लोगों के बीच धक्का-मुक्की हुई, लेकिन थोड़ी ही देर बाद मेघालय पुलिस की टीम वहां से चली गई.' उन्होंने बताया कि हालात अब काबू में हैं.
दूसरी ओर, री-भोई की पुलिस ने दावा किया कि बुधवार को असम और मेघालय दोनों राज्यों के लोग आमने-सामने आ गए थे. इस दौरान स्थिति को नियंत्रण करने में मेघालय पुलिस के एक अधिकारी घायल हो गए.
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चरणबद्ध सुलझाया जाएगा दोनों के बीच सीमा विवाद
असम और मेघालय के बीच जारी सीमा विवाद (Border Dispute) को लेकर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच शिलॉन्ग और गुवाहाटी में दो दौर की बातचीत हो चुकी है. आखिरी बार 6 अगस्त को गुवाहाटी में दोनों राज्यों के बीच बैठक हुई थी, जिसमें सीमा विवाद को चरणबद्ध तरीके से सुलझाने का फैसला लिया गया था. तय हुआ था कि दोनों राज्यों के कैबिनेट मंत्रियों की अध्यक्षता में तीन कमेटियां बनाई जाएंगी और 12 में 6 विवादित इलाकों को पहले निपटाया जाएगा.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) और मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा (Conrad Sangma) ने बताया था कि दोनों राज्यों की कमेटियां 6 विवादित इलाकों का दौरा करेंगी और 30 दिन में अपनी रिपोर्ट देंगी.
पहले फेज में जिन 6 जगहों को सुलझाया जाएगा, उनमें ताराबारी, गिजांग, फहाला, बकलापारा, खानापारा (पिलिंगकाटा) और रताछेरा शामिल है. ये जगह असम के कछार, कामरूप, कामरूप मेट्रोपॉलिटन और मेघालय के पश्चिमी खासी हिल्स, री-भोई और पूर्वी जैनतिया हिल्स में स्थित हैं. इन मसलों को सुलझाने के लिए जो समितियां बनेंगी, उनमें 5 सदस्य होंगे जिनकी अध्यक्षता राज्यों के कैबिनेट मंत्री करेंगे. अगर जरूरत पड़ी तो इस समिति में ब्यूरोक्रेट्स और स्थानीय लोगों को भी शामिल किया जाएगा.