असम और मिजोरम के बीच जारी सीमा विवाद अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. असम सरकार में मंत्री अशोक सिंघल ने सोमवार को इस मसले पर बयान दिया है. मंत्री का कहना है कि वह अपनी एक इंच ज़मीन नहीं देंगे, जान दे देंगे लेकिन जमीन नहीं देंगे.
अशोक सिंघल कछार इलाके के गार्जियन मंत्री हैं, जो मिजोरम से सटा हुआ है और जहां पर ये पूरा विवाद है. असम सरकार के मंत्री ने कहा कि मिजोरम को ये बात स्वीकारनी होगी कि गोली उन्होंने ही चलाई और उसी में हमारे पुलिसवालों की जान गई है. मंत्री ने सवाल किया कि क्या मुख्यमंत्री की जानकारी के बिना ही प्रशासन चल रहा है, क्या मुख्यमंत्री की जानकारी के बिना ही असम के मुख्यमंत्री पर एफआईआर हो गई.
‘’आखिर प्रदेश कौन चला रहा है’’?
मिजोरम सरकार पर हमला बोलते हुए मंत्री अशोक सिंघल ने कहा कि सबसे पहले मिजोरम सरकार को वास्तविकता स्वीकार करनी पड़ेगी और वास्तविकता यह है कि उन्होंने निहत्थे अवस्था में पुलिस वालों पर लाइट मशीन गन से फाइल फायरिंग की. जिसमें 6 पुलिस वाले मारे गए और हमारा एसपी गंभीर रूप से घायल है.
अशोक सिंघल ने कहा कि इस मामले की वह जांच करें और मिजोरम अपने पुलिस अधीक्षक के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करें, विश्वास बहाल करने के लिए कदम उठाने चाहिए. मंत्री ने सवाल किया कि क्या वहां के मुख्यमंत्री को फायरिंग की, एफआईआर की जानकारी नहीं है. आखिर प्रदेश कौन चला रहा है?
‘हमने कोई ब्लॉकेज नहीं किया’
असम सरकार के मंत्री अशोक सिंघल ने कहा कि ब्लॉकेज को लेकर दिए जा रहे ऐसे बयानों से उनकी विश्वसनीयता घटेगी और जनता के भीतर रोष पैदा होगा. असम और मिजोरम की जनता के बीच अविश्वास का वातावरण शुरू हो जाएगा, जो दोनों राज्यों के लिए अच्छा नहीं है. इसलिए मिजोरम सरकार को ऐसी अफवाह फैलाने से दूर रहना चाहिए कि असम के सरकार ने कोई ब्लॉकेज शुरू किया है.
अशोक सिंघल ने कहा कि हमने किसी भी ट्रक के आने-जाने पर रोक नहीं लगाई है, क्योंकि सोशल मीडिया और ज़मीन पर भय का माहौल है, इसलिए लोग जाने से घबरा रहे हैं. मंत्री ने कहा कि हम भी अपने यहां लोगों को समझा रहे हैं, लोग नहीं समझ रहे हैं. अगर आपके घर में कोई मरेगा और पड़ोसी राज्य की गोली से मरेगा, तो लोगों में गुस्सा जायज है.
आपको बता दें कि असम-मिजोरम के बीच सीमा विवाद लंबे वक्त से चल रहा है, लेकिन 26 जुलाई को दोनों राज्यों की सीमाओं पर फायरिंग हो गई. जिसमें असम के 6 पुलिसकर्मी शहीद हो गए. इसी के बाद से ही दोनों राज्यों में तनाव की स्थिति जारी है. मिजोरम में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा के खिलाफ केस भी हुआ है, वहीं असम में मिजोरम के सांसद पर जो केस हुआ था उसे वापस लेने के आदेश दिए गए हैं.