असम और मिजोरम (Assam and Mizoram) के बीच सीमा विवाद ( Border Dispute) गहराता जा रहा है. इस बीच सीमा विवाद के मुद्दे को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. विपक्षी दल, केंद्र को इस मुद्दे पर घेरने में जुट गए हैं. इसी कड़ी में कांग्रेस सांसद (Congress MP) रिपुन बोरा (Ripun Bora) ने असम-मिजोरम सीमा विवाद (Assam Mizoram Border) पर हुई खूनी हिंसा (Violence) के मामले में आजतक से बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार को एक ऑल पार्लियामेंटेरियन डेलिगेशन असम और मिजोरम भेजना चाहिए.
उन्होंंने कहा कि इससे डेलिगेशन पूरे विवाद को लेकर अपनी रिपोर्ट गृह मंत्री और केंद्र सरकार को दे सकेगा. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि जल्द से जल्द गृह मंत्रालय इस पर बड़े कदम उठाए साथ ही इस विवाद को खत्म करने के लिए राज्यों के मुख्यमंत्रियों से हल निकाला जाए, उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी संसद में इस मुद्दे को आज उठा रही है.
उधर, राहुल गांधी के निर्देश पर कांग्रेस का दल असम-मिजोरम बॉर्डर पर जाएगा. कांग्रेसी दल यहां के हालात का जायजा लेगा. सांसदों और विधायकों की एक टीम बुधवार को मौके पर पहुंचेगी. कांग्रेस ने हालात का जायजा लेने के लिए एक सात सदस्यीय कमेटी भी गठित की है. इस कमेटी का नेतृत्व असम कांग्रेस के प्रमुख भूपेन बोरा करेंगे.
वहीं, गौरव गोगोई ने भी केंद्र पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि नेतृत्व की विफलता ही है. इस तरह की विफलता मैंने कभी नहीं देखी यह सरकार सिर्फ ट्विटर पर जमीन की समस्याओं का समाधान नहीं कर सकती. खासतौर पर गृहमंत्री अभी वहां पर जाकर आए हैं.दो राज्यों की सीमा का मामला केंद्र का मामला बन जाता है. इससे पहले भी सरकार ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बुलाया था और दिल्ली में मीटिंग भी की थी. गृहमंत्री बोल रहे हैं कि असम के मुख्यमंत्री वहां पर शांति लाए हैं. कहां शांति है?