लंबे समय से सुलग रहा असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद सोमवार को भयानक हिंसा के रूप में सामने आया. सीमा पर हुई झड़प में असम पुलिस के 6 जवान शहीद हो गए है, जबकि कई लोग घायल हैं. दोनों राज्यों के बीच काफी समय से सीमा को लेकर विवाद चल रहा है.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि कछार जिले में अंतर-राज्यीय सीमा पर मिजोरम की ओर से उपद्रवियों द्वारा की गई गोलीबारी में असम पुलिस के छह जवानों की मौत हो गई है. सीमा पार से लगातार हो रही गोलीबारी के बीच जंगल में मौजूद असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि कछार के पुलिस अधीक्षक निंबालकर वैभव चंद्रकांत समेत कम से कम 50 कर्मी गोलीबारी और पथराव में घायल हो गए हैं.
सरमा ने ट्वीट किया, ''मुझे यह सूचित करते हुए बहुत दुख हो रहा है कि असम-मिजोरम सीमा पर हमारे राज्य की संवैधानिक सीमा की रक्षा करते हुए असम पुलिस के छह बहादुर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी है. शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना.''
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि सीमा पार से उपद्रवियों ने उस समय अचानक गोलीबारी शुरू कर दी, जब दोनों पक्षों के नागरिक अधिकारी मतभेदों को सुलझाने के लिए बातचीत कर रहे थे.
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अधिकारी ने फोन पर कहा, ''मैं तत्काल यह नहीं बता सकता कि कितने लोग घायल हुए हैं, लेकिन मेरा अनुमान है कि कम से कम 50 कर्मी घायल हुए. गोलीबारी में हमारे एसपी भी घायल हो गए और एक गोली उनके पैर में लगी.''
आईपीएस अधिकारी जब पीटीआई से फोन पर बात कर रहे थे तब वह जंगल के अंदर छिपे हुए थे और पीछे से गोलीबारी की आवाज सुनाई दे रही थी.
क्यों है विवाद?
मिजोरम की सीमा असम के कछार और हाइलाकांडी जिलों से लगती है. यहां जमीन को लेकर दोनों सूबों के बीच आए दिन तनातनी होती रहती है. पहाड़ी इलाकों में कृषि के लिए जमीन बहुत कम है. इसीलिए जमीन के छोटे से टुकड़े की अहमियत बहुत बड़ी होती है. हालिया विवाद तब गंभीर हुआ जब असम की पुलिस ने अपना इलाका खाली कराने के लिए कुछ लोगों को खदेड़ा. असम पुलिस ने कहा कि ये लोग अतिक्रमणकारी थे.
बताया जाता है कि जिन लोगों को खदेड़ा गया था वो मिजोरम से थे, इसलिए इस कार्रवाई से खटास और बढ़ गई. सीमा के दौरे पर गई असम सरकार की टीम पर 10 जुलाई को एक आईईडी बम भी फेंका गया. 11 जुलाई की सुबह मिजोरम के इलाके से एक के बाद एक दो धमाकों की आवाज आई.
बताया जा रहा है कि मिजोरम-असम की सीमा पर अज्ञात बदमाशों द्वारा आठ झोपड़ियां जला दिए जाने के बाद से तनाव पैदा हो गया था.
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केंद्र को करना पड़ा दखल
विवाद बढ़ता देख नई दिल्ली ने दखल दिया. दोनों सूबों के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशकों को दिल्ली बुलाकर एक बैठक करवाई गई. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 24 जुलाई को दो दिनों के पूर्वोत्तर दौरे के लिए पहुंचे. 25 जुलाई को शिलांग में एक बैठक हुई, जिसमें गृह मंत्री के साथ पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए.
इस बैठक में भी सीमा विवाद का मुद्दा उछला और जोरमथंगा ने कह दिया कि नगालैंड, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम जैसे राज्यों को बनाते वक्त अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे भूमि विवादों को सुलझाया नहीं गया.
पुराना है विवाद
अक्टूबर 2020 में असम के कछार जिले के लायलपुर इलाके में असम और मिजोरम के दो समूहों के बीच झड़प के दौरान कई लोग घायल हो गए थे. असम-मिजोरम बॉर्डर के साथ लैलापुर इलाके के पास उपद्रवियों ने कई घरों में आग लगा दी थी. वहीं फरवरी 2021 में मिजोरम से राज्य सभा सदस्य के वनलालवेना (K Vanlalvena) मिजोरम-असम बॉर्डर पर स्थित करीमगंज जिले (असम) में आयोजित एक कल्चरल मीट कार्यक्रम में भाग लेने जा रहे थे, तभी असम-मिजोरम सीमा पर स्थित सिक्योरिटी गार्ड्स द्वारा उन्हें रोक लिया गया और उन्हें असम की सीमा में घुसने नहीं दिया.
ये कार्यक्रम थानग्राम स्वदेशी जन आंदोलन (TIPM) द्वारा आयोजित किया जा रहा था. जिसमें असम बॉर्डर पर रहने वाले असम की 'जो' जनजाति के लोग इकठ्ठा होने वाले थे.