असम में जनसंख्या कानून को लेकर काफी चर्चा है. सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने अपनी तरफ से साफ कर दिया है कि राज्य में बढ़ती जनसंख्या को रोकना जरूरी है. अब इसी दिशा में सीएम की तरफ से एक बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा है कि आने वाले बजट में इस सिलसिले में कुछ बड़ी घोषणाएं की जा सकती हैं. स्वैच्छिक नसबंदी को लेकर भी अहम फैसले लिए जा सकते हैं.
असम में स्वैच्छिक नसबंदी पर हो सकता है ऐलान
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि हमारी कुछ योजनाएं सभी के लिए समान रहने वाली हैं, सभी को उनका लाभ मिलेगा. लेकिन कुछ योजनाएं ऐसी भी होंगी जो सिर्फ उन लोगों के लिए खुली रहेंगी जिनके दो बच्चे होंगे. हम बजट में स्वैच्छिक नसबंदी को लेकर भी बड़ा ऐलान कर सकते हैं. सीएम की तरफ से इससे पहले भी इस बात पर जोर दिया गया है, ऐसे में अब आने वाले बजट में इसी दिशा में बड़े और निर्णायक कदम उठाए जा सकते हैं.
जनसंख्या कंट्रोल को लेकर असम कांग्रेस की तरफ से भी सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली थी. उन्होंने सीएम हिमंत को तो श्रेय देना ठीक नहीं समझा, लेकिन इतना जरूर कहा कि उनकी सरकार की तरफ से सबसे पहले 'हम दो-हमारे दो' नारे का इस्तेमाल किया गया था. ऐसे में वे बीजेपी का ज्यादा योगदान नहीं मानते हैं.
स्वदेशी आस्था और संस्कृति का नया स्वतंत्र विभाग
वैसे सीएम की तरफ से इस बात की भी जानकारी दी गई है कि अब राज्य में स्वदेशी आस्था और संस्कृति का एक नया स्वतंत्र विभाग होगा. उस विभाग के जरिए राज्य की संस्कृति और आस्था पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. इस विभाग को लेकर सीएम की तरफ से अभी ज्यादा कुछ नहीं बताया गया है, लेकिन आने वाले दिनों में ये भी सक्रिय हो जाएगा.
असम की कोरोना स्थिति
असम में इस समय कोरोना के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में स्थिति चिंताजनक है और संक्रमण को रोकना जरूरी. इस बारे में सीएम हिमंत ने कहा है कि राज्य में डेल्टा प्लस वेरिएंट के कोई मामले नहीं हैं. राज्य में जीनोम सीक्वेंसिंग की जा रही है. मंगलवार को पीएम भी टीकाकरण को लेकर एक अहम मीटिंग करने जा रहे हैं. असम की कोरोना स्थिति की बात करें तो यहां पर पिछले कई दिनों से 2 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए जा रहे हैं. जब हिंदी पट्टी राज्यों में अब संक्रमण कम होता दिख रहा है, तब नॉर्थ-ईस्ट और दक्षिण में मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.