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Bharati Sarkar: असम की उस बुजुर्ग महिला की कहानी, जिसे दो साल में दूसरी बार नागरिकता साबित करने का आदेश जारी हुआ है

असम की रहने वालीं भारती सरकार को एक बार फिर से भारतीय नागरिकता साबित करने को कहा गया है. फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल ने उन्हें 30 सितंबर को आदेश जारी कर 16 नवंबर को अपनी भारतीय नागरिक होने का सबूत देने को कहा है.

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फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल ने जारी किए आदेश (फाइल फोटो)
फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल ने जारी किए आदेश (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मार्च 2019 में साबित हो चुकी है भारतीय नागरिकता
  • एक बार फिर से ट्रिब्यूनल ने नागरिकता के सबूत मांगे

असम के बोगाईगांव जिले की रहने वालीं 60 वर्षीय भारती सरकार को एक बार फिर भारतीय नागरिकता साबित करने को कहा गया है. दो साल के अंदर ये दूसरी बार है जब उन्हें भारतीय नागरिकता साबित करने को कहा गया है. उन्हें ये आदेश फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल ने जारी किया है. 

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मार्च 2019 में फॉरेनर्स ट्रिब्यूनिल नंबर-1 ने भारती सरकार को भारतीय नागरिक घोषित कर दिया था, लेकिन अब उन्हें फिर से अपनी नागरिकता साबित करने को कहा गया है.

न्यूज एजेंसी ने एक पुलिस अधिकारी के हवाले से बताया है कि उस महिला के खिलाफ दो केस दर्ज हैं, जिन्हें फॉरेनर्स ट्रिब्यून के पास भेज दिया गया है. बोगाईगांव जिले के मानिकपुर थाने के अंतर्गत जमदोहा गांव में रहने वालीं भारती सरकार को 30 सितंबर को नोटिस जारी किया गया है और उन्हें 16 नवंबर को अपनी भारतीय नागरिकता साबित करने को कहा गया है. उन्हें कहा गया है कि वो ट्रिब्यूनल के सामने पेश होकर साबित करें कि वो अवैध प्रवासी नहीं हैं.

हालांकि, भारती पहले अपनी भारतीय नागरिकता साबित कर चुकी हैं. 8 मार्च 2019 को फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल ने उनके पक्ष में फैसला दिया था और उन्हें भारतीय नागरिक माना था. ट्रिब्यूनल ने उस वक्त दिए अपने आदेश में कहा था कि भारती अपनी नागरिकता साबित करने में सक्षम रहीं और कानून के तहत वो 'विदेशी नागरिक' नहीं हैं.

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न्यूज एजेंसी के मुताबिक, भारती के खिलाफ पहला केस 2002 में और दूसरा केस 2004 में दर्ज किया गया था, जिसे 2010 में फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल के पास भेजा गया था. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि किसी गलती की वजह से दोनों मामले अलग-अलग ट्रिब्यूनल के पास चले गए. उन्होंने बताया कि स्थानीय पुलिस महिला के संपर्क में है और वो उसे कागजात जमा कराने में मदद कर रहे हैं.

 

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