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प्रयागराज की एमपी एमएलए कोर्ट ने मंगलवार को 17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण केस में अतीक अहमद को दोषी करार दिया है. अतीक के अलावा कोर्ट ने दिनेश पासी और खान शौलत हनीफ को भी दोषी माना गया है. कोर्ट ने तीनों को धारा 364a, 34, 120, 341, 342,504,506 में दोषी माना है. वहीं सात आरोपियों को बरी कर दिया गया है.
उमेश राजू पाल मर्डर केस में मुख्य गवाह था. आरोप है कि अतीक ने उमेश पाल का अपहरण कर उसके साथ मारपीट की थी और उस पर बयान बदलने का दबाव डाला था. इस मामले में अतीक और उसके भाई समेत 11 आरोपी हैं. लेकिन इस फैसले से पहले चौंकाने वाली बात ये है कि उमेश की एक महीने पहले ही ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई. आईए जानते हैं इस मामले में पूरी Timeline...
25 जनवरी 2005 : बसपा विधायक राजू पाल की हत्या
साल 2005 की बात है. जब बसपा विधायक राजू पाल की सरेआम गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. जब राजू पाल, उनकी पत्नी पूजा पाल और उमेश पाल बीएसपी में थे. जबकि अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ समाजवादी पार्टी में हुआ करते थे. साल 2004 में अतीक अहमद यूपी की फूलपुर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर जीत कर सांसद बन चुके थे. इससे पहले वह इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट से विधायक थे. लेकिन उनके सांसद बन जाने के बाद वो सीट खाली हो गई थी. कुछ दिनों बाद उपचुनाव का ऐलान हुआ. इस सीट पर सपा ने सांसद अतीक अहमद के छोटे भाई अशरफ को अपना उम्मीदवार बनाया. इसी चुनाव में बसपा से राजू पाल को टिकट मिल गया और वो अशरफ के खिलाफ चुनाव मैदान में उतर गए. चुनाव हुआ तो उन्होंने अतीक अहमद के भाई अशरफ को हरा दिया और विधायक बन गए. अतीक और उसका परिवार उपचुनाव में मिली हार पचा नहीं पा रहा था. 25 जनवरी 2005 को राजूपाल की हत्या कर दी गई.
28 फरवरी 2006 : राजूपाल मामले में गवाह उमेश पाल का अपहरण
राजू पाल की हत्या के केस में अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 5 आरोपी नामजद थे. जबकि पुलिस ने चार अज्ञात को आरोपी बनाया था. इस केस में राजू पाल के रिश्तेदार उमेश पाल मुख्य गवाह था. उमेश का 28 फरवरी 2006 में अपहरण हुआ था. इसका आरोप अतीक अहमद और उसके साथियों पर लगा था.
5 जुलाई 2007: अतीक और उसके भाई पर अपहरण का केस
एक साल बाद उमेश की शिकायत पर पुलिस ने 5 जुलाई 2007 को अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. उमेश ने आरोप लगाया था कि अतीक ने उसके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी. उमेश के मुताबिक, जब उसने अतीक अहमद के दबाव में गवाही से पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को बंदूक की दम पर उसका अपहरण कर लिया गया. इस मामले में 11 आरोपी बनाए गए थे.
केस में कौन कौन आरोपी?
अतीक के अलावा मामले में अशरफ, दिनेश पासी, अंसार अहमद उर्फ अंसार बाबा, खान सौलत हनीफ, फरहान, इसरार, आबिद प्रधान, आशिक मल्ली और एजाज अख्तर आरोपी हैं. एक आरोपी अंसार अहमद की मौत हो चुकी है. अतीक अहमद, अशरफ और फरहान जेल में है. बाकी आरोपी जमानत पर हैं.
24 फरवरी 2023: उमेश पाल की हत्या
प्रयागराज में 24 फरवरी को दिनदहाड़े राजूपाल हत्याकांड में गवाह उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी. उमेश पाल जब अपने घर जा रहे थे, तब गली के बाहर कार से निकलते वक्त उन पर शूटरों ने फायरिंग कर दी थी. इस दौरान बम भी फेंके गए थे. इस हमले में उमेश पाल और उनके दो गनर्स की मौत हो गई थी. उमेश पाल की पत्नी ने इस मामले में अतीक, उसके भाई अशरफ समेत 9 लोगों पर मामला दर्ज कराया है.पुलिस इस मामले में असद समेत 5 शूटरों की तलाश में जुटी है.
18 मार्च : पूरी हो गई थी सुनवाई
प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने इस मामले में 18 मार्च को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. जज डीसी शुक्ला ने 23 मार्च को अतीक को पेश करने के लिए आदेश जारी किया था.
26 मार्च : अतीक को साबरमती से प्रयागराज लेकर आई पुलिस
कोर्ट के आदेश के बाद यूपी पुलिस की टीम अतीक को 26 मार्च को साबरमती जेल से लेकर निकली. इस टीम में 45 पुलिसकर्मी थे. अतीक को 27 मार्च को शाम 6 बजे प्रयागराज लेकर आया गया. उसके भाई अशरफ को भी बरेली से प्रयागराज लाया गया. दोनों को नैनी जेल में रखा गया.
28 मार्च: अतीक के खिलाफ आया फैसला
उमेश पाल अपहरण केस में सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा. कोर्ट ने इस मामले में दोषी मानते हुए अतीक अहमद, दिनेश पासी और खान शौलत हनीफ को उम्रकैद की सजा सुना दी है. वहीं सात आरोपियों को बरी कर दिया गया है. इस मामले में 11 आरोपी थे लेकिन इनमें एक की मौत हो गई थी.