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भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद के काफिले पर सहारनपुर के देवबंद में बुधवार शाम को कार सवार बदमाशों ने हमला कर दिया. ताबड़तोड़ फायरिंग में एक गोली चंद्रशेखर की पीठ को छूती हुई निकल गई. पुलिस ने हमलावरों की कार को सहारनपुर से बरामद कर लिया है. इसके साथ ही 4 संदिग्धों को भी हिरासत में लिया है.
कब और कैसे हुआ हमला?
दरअसल, भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर बुधवार शाम को अपने एक साथी की मां की रस्म पगड़ी में शामिल होने के बाद सहारनपुर लौट रहे थे. शाम करीब 5 बजे देवबंद थाना क्षेत्र के यूनियन सर्किल के पास उनपर ये हमला हुआ. 4-5 हमलावर हरियाणा नंबर की स्विफ्ट डिजायर गाड़ी से आए. हमलावरों ने दाहिने ओर से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. इस दौरान 4 गोलियां दागी गईं. हमले में एक गोली गेट को चीरते हुए चंद्रशेखर की कमर को छूती हुई निकल गई. इसके बाद गोली सीट में धंस गई. हमले के बाद मौके पर अफरातफरी मच गई.
सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस की टीम पहुंच गई. आनन-फानन में चंद्रशेखर को देवबंद के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए हर एंगल से जांच शुरू कर दी है. फॉरेंसिक टीम ने वारदात वाली जगह की जांच की है.
पुलिस ने मामला किया दर्ज
सहारनपुर के देवबंद थाने में भीम आर्मी के पदाधिकारी और चंद्र शेखर के साथी मनीष कुमार की शिकायत पर FIR दर्ज की गई. दर्ज केस में हत्या के प्रयास के साथ-साथ एससी-एसटी एक्ट भी लगाया गया है. हमलावर जिस स्विफ्ट कार से आए थे, उसका नंबर एचआर 70 डी 0278 बताया जा रहा है.
खतरे से बाहर हैं चंद्रशेखर
डॉक्टरों का कहना है चंद्रशेखर आजाद खतरे से बाहर हैं. आज उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है. हमले की खबर के बाद हॉस्पिटल के बाहर उनके समर्थकों का हुजूम लग गया. समर्थक चंद्रशेखर को Z प्लस सिक्योरिटी देने की मांग कर रहे हैं. उधर, चंद्रशेखर ने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए वीडियो संदेश जारी किया. उन्होंने कहा कि हम अपनी लड़ाई संवैधानिक तरीके से लड़ेंगे. मैं ठीक हूं. हमारी किसी से कोई लड़ाई नहीं है.
विपक्ष ने कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार को घेरा
- चंद्रशेखर पर हुए इस हमले के बाद विपक्ष ने कानून व्यवस्था को लेकर यूपी की योगी सरकार पर निशाना साधा है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, सहारनपुर के देवबंद में आजाद सामाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्द्रशेखर आजाद पर सत्ता संरक्षित अपराधियों के द्वारा जानलेवा हमला घोर निंदनीय एवं कायरतापूर्ण कृत्य है. बीजेपी राज में जब जनप्रतिनिधि ही सुरक्षित नहीं तो आम जनता का क्या होगा? यूपी में जंगलराज!
- शिवपाल यादव ने ट्वीट कर योगी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, प्रदेश में अपराधियों के हौंसले इतने बुलंद हैं कि अराजक तत्व अपने सभी हदों व सरहदों को तोड़ने लगे हैं. यूपी में विपक्ष अब सत्ता और अपराधियों दोनों के निशाने पर है. भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर पर हुआ जानलेवा हमला प्रदेश के खोखले हो चुके कानून व्यवस्था के लिए एक अलार्म है. जाग जाओ सरकार!
- RLD चीफ जयंत चौधरी ने कहा, चंद्रशेखर आजाद पर जानलेवा हमला मन व्यथित करने वाली घटना है! विश्वास है भीम आर्मी चीफ जल्द स्वस्थ होकर अपने चुने पथ पर चलते रहेंगे!
- AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कहा, ''चंद्रशेखर आजाद पर हुए हमले की सख्त से सख्त मजममत करनी चाहिए. फैशिस्ट ताकतों में जम्हूरी तरीके से लड़ने की हिम्मत नहीं है. वो हिंसा से अपने मकसद को हासिल करना चाहते हैं. इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, और हमला करने वालों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए.''
- राजद नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा, भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद पर अपराधियों द्वारा दुर्भाग्यपूर्ण हमला उत्तर प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था का परिचायक है. उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं. वहीं, एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा, भीम आर्मी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के नेता चंद्रशेखर आज़ाद पर गोलीबारी की घटना बेहद गंभीर है. वे इस दुर्घटना में घायल हैं. ईश्वर से प्रार्थना है कि वे जल्द से जल्द ठीक हो जाएं. हमारी उत्तर प्रदेश सरकार से मांग है कि इस घटना के हमलावरों को कठोर सजा दी जाए. हम इस गोलीबारी की घटना की निंदा करते हैं!
कौन हैं चंद्रशेखर आजाद ?
चंद्रशेखर आजाद दलितों के लिए काम करने वाली संस्था भीम आर्मी के सह-संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. उन्होंने सतीश कुमार और विनय रतन सिंह ने 2014 में भीम आर्मी की स्थापना की थी. 2019 में, उन्होंने मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ने की योजना बनाई थी, लेकिन बाद में उन्होंने सपा/बसपा गठबंधन को समर्थन देते हुए हाथ खींच लिया.
चंद्रशेखर ने 15 मार्च 2020 को आजाद समाज पार्टी की स्थापना भी की. आजाद ने खुद को दलित नेता के रूप में स्थापित किया है और वो अपनी खास आक्रामक शैली के लिए जाने जाते हैं. चंद्रशेखर 2022 में गोरखपुर से सीएम योगी के खिलाफ विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं. साल 2021 में टाइम मैगजीन ने चंद्रशेखर आजाद को 100 उभरते हुए नेताओं की लिस्ट में भी शामिल किया था. वकील और दलित-बहुजन अधिकार कार्यकर्ता चंद्रशेखर आजाद का जन्म 3 दिसंबर 1986 को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के छुटमुलपुर कस्बे में हुआ.