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दिल्ली एयरपोर्ट पर यात्रियों की बढ़ती भीड़ से निपटने के लिए सरकार का 4 प्वाइंट एक्शन प्लान तैयार

दिल्ली एयरपोर्ट पर यात्रियों की लगातार बढ़ रही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने 4 प्वाइंट एक्शन प्लान पेश किया है. दिल्ली इंटरनेशन एयरपोर्ट के साथ चर्चा के बाद प्लान तैयार किया गया है. इसके तहत अतिरिक्त ट्रैफिक मार्शल की तैनाती के साथ एक्स्ट्रा एक्सरे स्क्रीनिंग मशीनों और मैनापावर को बढ़ाया जाएगा.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

दिल्ली एयरपोर्ट पर लगातार बढ़ रही भीड़ की शिकायतों के बीच सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने 4 प्वाइंट एक्शन प्लान तैयार किया है. दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) के साथ चर्चा के बाद तैयार इस प्लान को तुरंत प्रभाव से लागू किया जाएगा. इस एक्शन प्लान के जरिए एयरपोर्ट पर यात्रियों को सहूलियतें भी दी जाएंगी. इससे पहले मंत्रालय से जुड़े कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सिविल एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एयरपोर्ट से जुड़े अधिकारियों से मुलाकात की.

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16 एक्सरे स्क्रीनिंग मशीनें

सरकार के इस प्लान के तहत एयरपोर्ट पर एक्सरे स्क्रीनिंग सिस्टम की संख्या 14 से बढ़कर 16 की जाएगी. इसके साथ ही एक ऑटोमैटिक ट्रे रिट्राइवल सिस्टम (एटीआएस) मशीन भी लगाई जाएगी. हवाईअड्डे के दो एंट्री प्वॉइन्ट गेट 1ए और गेट 8बी को यात्रियों के इस्तेमाल के लिए तब्दील किया जाएगा. वहीं, दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 से रवाना होने वाली फ्लाइट्स की संख्या भी 19 से घटाकर 14 की जाएगी.

कार लेन को व्यवस्थित करने और गाड़ियों के जाम को कंट्रोल करने के लिए अतिरिक्त चार ट्रैफिक मार्शल नियुक्त किए गए हैं, जिसके बाद कुल ट्रैफिक मार्शल की संख्या बढ़कर 12 हो गई है. 

पीक आवर्स में भीड़ होगी कम

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मीडिया से बातचीत में कहा कि फ्लाइट्स की संख्या अधिक होने से पीक आवर्स में भीड़ हद से ज्यादा बढ़ रही है. हम इसे कम करेंगे ताकि यात्रियों को किसी तरह की असुविधा नहीं हो. 

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दिल्ली एयरपोर्ट पर यात्रियों की सहूलियत के लिए मौजूदा समय में 14 एक्सरे स्क्रीनिंग मशीनें काम कर रही हैं. लेकिन लगातार बढ़ रही यात्रियों की संख्या को देखते हुए दो और मशीनों को शामिल करने की योजना है.

दिल्ली हवाईअड्डे के एंट्री प्वॉइन्ट (1A और B) का इस्तेमाल किया जाएगा. विमानों की अधिक संख्या को देखते हुए पीक आवर में उड़ान भरने वाली फ्लाइट्स को कम करने पर विचार किया जा रहा है.

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