सपा नेता आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने आजम के बेटे अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिका पर सुनवाई की कोई वजह नजर नहीं आ रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट में सबूतों के आधार पर सुनवाई आगे बढ़नी चाहिए. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि 1993 की डेट ऑफ बर्थ पर आप कई साल तक जी रहे थे. आपको चुनाव लड़ना था, इसलिए दूसरा बनवाया होगा. हो सकता है कि महकमे के किसी अधिकारी से आपकी मिलीभगत हो. वह अधिकारी भी इसमें दोषी हो.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपके खिलाफ धारा 468, 420 के तहत चार्ज तय किया गया है. बता दें कि इस मामले में आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला को जेल हुई थी.
बताते चलें कि पिछली सुनवाई के दौरान आजम खान की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में माना कि अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र जारी हुए थे. उन्होंने कोर्ट में दलील दी कि पासपोर्ट अधिकारी ने भी सर्टिफिकेट को माना है. ये फर्जीवाड़ा नहीं है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दूसरा सर्टिफिकेट आपके एफिडेविट के आधार पर जारी हुआ है. इस पर सिब्बल ने कहा- यह फर्जीवाड़ा नहीं है. जब हम मान रहे हैं, दो सर्टिफिकेट जारी हुए हैं. इस केस में चार्ज फ्रेम हो चुके हैं. चार्जशीट दाखिल हो गई है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सिब्बल से पूछा जो चार्जशीट दाखिल हुई है उसकी कॉपी है? सिब्बल ने कहा कि चार्जशीट की कॉपी एक हफ्ते में दाखिल कर दी जाएगी. ऐसे में हफ्ते भर का समय दिया जाए.
क्या है मामला?
दरअसल, 3 जनवरी 2019 को रामपुर के गंज पुलिस स्टेशन में बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने FIR दर्ज करवाई थी. इसमें आरोप लगाया था कि आजम खान और उनकी पत्नी ने उनके बेटे अब्दुल्ला को दो फर्जी जन्म प्रमाण पत्र दिलवाने में मदद की. इनमें एक लखनऊ से और दूसरा रामपुर से बनवाया गया है. फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में अब्दुल्ला, आजम खान और उनकी पत्नी आरोपी हैं. इतना ही नहीं अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दो पासपोर्ट और दो पैन कार्ड रखने के आरोप में भी केस चल रहे हैं. यह मामला एमपी-एमएलए कोर्ट में विचाराधीन है.