Assam Madrassa demolition: असम में मदरसों को बुलडोजर से गिराए जाने को लेकर ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) प्रमुख और धुबरी के सांसद मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने असम सरकार से मदरसों का ध्वस्तीकरण रोकने का आग्रह किया.
सांसद ने कहा, 'अगर कहीं कोई जिहादी मिलता है तो उसे पकड़कर फांसी पर लटका दें या गोली मार दें, पार्टी को इससे कोई आपत्ति नहीं है लेकिन शैक्षणिक संस्थानों (चाहे मदरसे हों या कोई अन्य शैक्षणिक संस्थान या धार्मिक संगठन) को ध्वस्त करना सही नहीं है.'
अजमल ने ध्वस्त मदरसों के लिए मुआवजे की मांग की. बीते दो महीने में राज्य सरकार तीन मदरसे गिरा चुकी है. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का कहना है कि इन मदरसों से चरमपंथी गतिविधियां चलाई जा रही हैं.
अगर कोर्ट मदरसे गिराने का आदेश दे तो ठीक है
सांसद ने कहा कि ये संस्थाएं 40 से 50 साल में आम जनता से मिले चंदे से बनी हैं. राज्य को उन्हें ध्वस्त करने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्य को इस मामले की उचित जांच करनी चाहिए और कानून के अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए. अजमल बोले, 'अगर अदालत विध्वंस के आदेश देती है, तो ठीक है, लेकिन इस तरह का विध्वंस स्वीकार नहीं किया जाएगा.'
2024 के चुनाव को लेकर मुस्लिमों पर हो रहे हमले
बदरुद्दीन अजमल ने 1 सितंबर को बोंगाईंगांव जिले में सरकार के आदेश पर एक मदरसा गिराए जाने के बाद कहा था कि मदरसों और मुस्लिमों पर हमले बढ़ने लगे हैं क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव के नजदीक आ रहे हैं.
एएनआई से बात करते हुए बदरुद्दीन अजमल ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर हमला बोलते हए कहा था कि असम में मुस्लिमों, मदरसों और मस्जिदों पर हमले इसलिए बढ़ रहे हैं कि वे सोचते हैं कि मुस्लिमों को निशाना बनाने से उनके वोट बढ़ेंगे. 2024 चुनाव से पहले ऐसा इसलिए हो रहा है कि मुस्लिम डर कर बीजेपी को वोट दे देंगे.
संस्था नहीं, आतंकवादी केंद्र चला रहे मदरसा प्रबंधन: सीएम
असम में पिछले दिनों सरकार ने तीन मदरसे गिरा दिया. इस कार्रवाई के बाद खुद मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बयान जारी करते हुए कहा था कि मदरसा प्रबंधन संस्था नहीं चला रहा है बल्कि एक आतंकवादी केंद्र चला रहा है. ढहाए गए मदरसे शिक्षा संस्था नहीं बल्कि आतंकवादियों का केंद्र थे. यहां पर कट्टरवाद और आंतकवाद पढ़ाया जा रहा था.
(रिपोर्ट: Afreeda Hussain)