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'जल्द करूंगा शादी, मगर ज्यादा लोगों को नहीं बुला पाऊंगा', धीरेंद्र शास्त्री का रात 1:30 बजे लगे दरबार में बड़ा खुलासा

Dhirendra Shastri MEGA Exclusive Interview: बागेश्वर धाम में सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का दरबार लगा. उनका आशीर्वाद लेने के लिए भक्त रात भर घंटों तक खड़े रहे. शास्त्री भी आधी रात को हजारों की भीड़ से बाहर निकलकर मिले और Aajtak से खास बातचीत में उन्होंने अपने विवाह को लेकर नया खुलासा किया.

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धीरेंद्र शास्त्री का Aajtak पर बड़ा खुलासा.
धीरेंद्र शास्त्री का Aajtak पर बड़ा खुलासा.

MP News: छतरपुर जिले के बागेश्वर धाम में सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का दरबार लगा. लंबे समय बाद धाम पहुंचे धीरेंद्र शास्त्री का आशीर्वाद लेने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी. शास्त्री भी आधी रात को हजारों की भीड़ से बाहर निकलकर मिले. रात डेढ़ बजे Aajtak भी दरबार में पहुंचा, जहां धीरेंद्र शास्त्री ने अपने विवाह को लेकर बड़ा खुलासा कर दिया. 26 साल के धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि वह जल्द ही विवाह बंधन में बंधेंगे. 

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दरअसल, बागेश्वर धाम में 121 गरीब कन्याओं का सामूहिक विवाह कराया जा रहा है. सामूहिक विवाह का यह चौथा साल है. धीरेंद्र शास्त्री ने बताया कि इस सामूहिक विवाह में नव दंपतियों को कार और बाइक छोड़ गृहस्थी का सारा सामान दिया जाएगा. यानी कि टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, कूलर, सोफे और डबल बेड भेंट किया जाएंगे.

'शादी का लाइव प्रसारण होगा'

वहीं, जब Aajtak ने धीरेंद्र शास्त्री से उनके विवाह को लेकर सवाल किया तो वह अपने चिर-परिचित अंदाज में खिलखिलाते हुए बोले, ''हमारी शादी की बात भी चलती रहती है. देखिए, हम कोई साधु या महात्मा नहीं हैं, हम बहुत ही सामान्य इंसान हैं. हम अपने इष्ट बालाजी के चरणों में रहते हैं. हमारे ऋषियों की परंपरा में भी बहुत से महापुरुषों ने गृहस्थ जीवन बिताया है. भगवान भी गृहस्थ में ही प्रकट होते हैं. यानी हमारी पहले ब्रह्मचारी, फिर गृहस्थ, वानप्रस्थ और फिर संन्यास की परंपरा है, उसी पर अग्रसर होंगे. हम भी बहुत जल्द शादी करेंगे. हम सबको बुलाएंगे, लेकिन ज्यादा लोगों को बुला नहीं सकते. कौन संभालेगा? इसलिए सब लोगों के लिए शादी का लाइव प्रसारण करवा देंगे.''

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'पाकिस्तान में भी रामकथा करेंगे'

धीरेंद्र शास्त्री ने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी रामकथा वाचन की बात कही. धीरेंद्र शास्त्री बोले, हमने बहुत पहले ही पाकिस्तान में रामकथा की घोषणा की थी. अगर वहां लोग तैयारी कर रहे हैं और हमें बुलाते हैं तो हम तो वहां राम कथा करेंगे. उन्होंने अपने हास-परिहास के अंदाज में आगे कहा कि बहुत जोरदार कथा करेंगे. जिसके बाद बहुत से पाकिस्तानी भारत में आ जाएंगे. चिंता मत करो.

'भारत हिंदू राष्ट्र घोषित होने की ओर अग्रसर'

इसके अलावा देश-दुनिया के मुद्दों को लेकर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, ''बागेश्वर बालाजी की प्रेरणा है. जो सनातन की बात के साथ है, उन पर ईश्वर की बड़ी कृपा है. वर्तमान में सनातन की क्रांति का आना इस बात को तय करता है कि भारत हिंदू राष्ट्र घोषित होने की ओर अग्रसर है. बहुत जल्दी बागेश्वर बालाजी का यह दृढ़ संकल्प पूरा होगा. हमें अपने इष्ट पर पूरा भरोसा है.

'रामचरितमानस का विरोध करने वालों को मजा चखाना पड़ेगा'

रामचरितमानस को लेकर चल रहे विवाद पर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर ने कहा, यह घोर निंदनीय कृत्य है. इस पर हमारा यही कहना है कि इसके पीछे लंबी साजिश है जो तथाकथित लोगों के द्वारा की गई है. आपके वैचारिक भेद हैं तो ठीक हैं. अपनी बात बोल सकते हैं, पर किसी की भावना को ठेस नहीं पहुंचा सकते. आपको यह अधिकार नहीं है. हम वाणी से बोल सकते हैं, अपनी बात बोल सकते हैं. हमारा इतिहास है, आज तक हमने किसी अन्य धर्म के खिलाफ नहीं बोला, लेकिन अपने धर्म के पक्ष में बोला. रामचरितमानस के साथ जो किया गया वह निंदनीय है और इसे देखने वाले भी निंदनीय हैं. इसलिए हमने प्रत्येक सनातनी से प्रार्थना की है कि इनको तो मजा चखाना पड़ेगा. 

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'रामचरितमानस को बनाएं राष्ट्रीय ग्रंथ' 

Aajtak से खास बातचीत में धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा, रामचरितमानस को राष्ट्रीय धर्म घोषित होना चाहिए, क्योंकि रामचरितमानस राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित होगा तो रामराज्य आएगा. रामराज्य आएगा तो प्रजा प्रसन्न होगी. प्रजा प्रसन्न होगी तो भारत विश्व गुरु बनेगा. इसलिए प्रत्येक सनातनी, प्रत्येक साधु-महात्मा चाहते हैं कि बहुत जल्द रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया जाए और सरकार को यह करना चाहिए. भारतीय नागरिक होने के नाते हमारी यह मांग है.  

'सनातन धर्म के पीछे वामपंथी'

इसके अलावा, शास्त्री बोले कि सनातन धर्म के विरोध के पीछे कई लोग हैं. इसमें वामपंथी हैं, सनातन विरोधी भी हैं. वह लोग हैं जिन्हें भगवान से दिक्कत है, जिन्हें राम से दिक्कत है. जो भगवान राम का सबूत मांग रहे थे, अयोध्या का सबूत मांग रहे थे, जो बागेश्वर बालाजी के दरबार का सबूत मांग रहे थे, वह सब इसमें शामिल हैं. क्योंकि उनकी नीति है कि हिंदुओं को आपस में लड़वाया जाए. 'फूट डालो- शासन करो' की नीति के लिए रामचरितमानस पर उंगली उठाई जा रही है. उन लोगों को हमारा यही कहना है कि उनको भारत में रहने का अधिकार नहीं है. 


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