बागेश्वर धाम के संत धीरेंद्र शास्त्री द्वारा सनातन धर्म पर लिखी गई एक पुस्तक का शनिवार को कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में विमोचन किया गया. 'सनातन धर्म क्या है' नाम की अपनी पुस्तक के लॉन्च कार्यक्रम में बोलते हुए, शास्त्री ने देश के बच्चों को 'सनातन धर्म' की अवधारणा के बारे में शिक्षित करने की आवश्यकता पर जोर दिया और बताया कि यह कैसे प्राचीन भारत का प्रतिनिधित्व करता है. उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि हर बच्चा यह किताब पढ़ेगा ताकि वे सनातन धर्म के बारे में जान सकें और यह शाश्वत सत्य है कि इसका कोई आरंभ और अंत नहीं है."
सांसद मनोज तिवारी भी रहे मौजूद
पुस्तक का विमोचन परमार्थ निकेतन के संत चिदानंद मुनि और भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने किया. लॉन्च समारोह में उत्तर पूर्वी दिल्ली के भाजपा सांसद मनोज तिवारी और पार्टी नेता नीलकांत बख्शी भी मौजूद थे. त्रिवेदी ने कहा कि कम उम्र में शास्त्री की सनातन धर्म के प्रति समर्पण प्राचीन सभ्यता की जड़ों वाले युवा भारत का प्रतिनिधित्व करता है.
इस दौरान उन्होंने कहा कि सनातन एक विशुद्ध ज्ञान है. भारत में कुछ लोगों को छोड़कर बाकी लोग नहीं जानते कि सनातन धर्म क्या है. वे सनातन के अंगों और सिद्धांतों को बिना जाने-समझे सनातन की तुलना अन्य धर्मों से करते हैं. सनातन धर्म इंसान को इंसान बनाता है. धर्म धारणा का विषय, प्राण है. सभी धर्मों से सनातन धर्म सर्वोपरि है.
ज्ञानवापी मामले पर क्या बोले आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
ज्ञानवापी मामले में आए हालिया कोर्ट के फैसले पर बागेश्वर धाम सरकार के आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि, "अगर आप कोर्ट पर सवाल उठा रहे हैं तो इसका मतलब है कि आपको खुद पर भी भरोसा नहीं है. न्याय प्रणाली किसी पार्टी के अधीन काम नहीं करती है, यह स्वतंत्र है.'