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बाइचुंग भूटिया ने राजनीति से लिया संन्यास, छह बार चुनाव हारे थे भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान

बाइचुंग भूटिया भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान हैं. उन्होंने 2018 में अपनी 'हमरो सिक्किम पार्टी' बनाई थी. 2023 में उन्होंने अपनी पार्टी का सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट में विलय कर लिया था. हालिया विधानसभा चुनाव में उन्हें 4300 से ज्यादा वोटों से हार का सामना करना पड़ा. ऐसा छठी बार था, जब उन्हें चुनावी राजनीति में निराशा हाथ लगी. अब उन्होंने चुनावी राजनीति से संन्यास ले लिया है.

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बाइचुंग भूटिया
बाइचुंग भूटिया

भारतीय दिग्गज फुटबॉलर और सिक्किम की राजनीति में अपना पैर जमाने की कोशिश करने वाले बाइचुंग भूटिया ने चुनावी राजनीति से संन्यास ले लिया है. आज उन्होंने इसका ऐलान किया. भूटिया ने कहा कि उन्हें एहसास हो गया है कि चुनावी राजनीति उनके लिए नहीं है और 2024 चुनाव के नतीजे के बाद वह राजनीति छोड़ रहे हैं.

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दिग्गज फुटबॉलर बाइचुंग भूटिया ने एक बयान जारी कर कहा, "2024 के चुनाव नतीजों के बाद मुझे एहसास हुआ कि चुनावी राजनीति मेरे लिए नहीं है. इसलिए मैं तत्काल प्रभाव से चुनावी राजनीति छोड़ रहा हूं." हाल के ही सिक्किम विधानसभा चुनाव में उन्हें दस साल में छठी बार हार का सामना करना पड़ा.

यह भी पढ़ें: Sikkim Election Results: पॉलिटिक्स के मैदान में वोटर्स ने फुटबॉलर बाइचुंग भूटिया को दिखाया रेड कार्ड

2024 का सिक्किम विधानसभा चुनाव भी हारे

हालिया विधानसभा चुनाव में वह सिक्किम डेमोक्रेटिक पार्टी की टिकट पर बारफुंग विधानसभा सीट से मैदान में थे. हालांकि, उन्हें सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के उम्मीदवार रिक्सल दोरजी भूटिया के हाथों 4300 से ज्यादा वोटों से हार का सामना करना पड़ा. चुनाव में उन्हें 4,012 वोट मिले थे, जबकि जीतने वाले उम्मीदवार ने 8,300 वोट हासिल किए थे.

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टीएमसी की टिकट पर भी लड़े लेकिन हार गए

बाइचुंग भूटिया ने 2018 में अपनी 'हमरो सिक्किम पार्टी' बनाई थी लेकिन 2023 में उन्होंने अपनी पार्टी का एसडीएफ में विलय कर लिया था. भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान भूटिया ने इससे पहले टीएमसी की टिकट पर दो बार चुनाव लड़ा था लेकिन कामयाबी हासिल नहीं हई. तृणमूल कांग्रेस ने 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें दार्जिलिंग और 2016 के विधानसभा चुनाव में उन्हें सिलिगुड़ी से मैदान में उतारा था.

2024 में एक सीट पर सिमट गई एसडीएफ

भूटिया ने 2019 में सिक्किम के गंगटोक और तुमेन-लिंगी से विधानसभा का चुनाव लड़ा लेकिन निराशा हाथ लगी. इसके बाद वह गंगटोक से 2019 का उपचुनाव भी हार गए. आलम ये है कि हाल के विधानसभा चुनाव में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट सिर्फ एक सीट पर सिमट गई, जबकि एसकेएम ने 32 में 31 सीटें जीतीं.

क्या बोले बाइचुंग भूटिया?

बाइचुंग भूटिया ने अपने बयान में कहा, "मेरा एकमात्र अफसोस यह है कि मुझे लगा कि मेरे पास खेल और पर्यटन के विकास के संबंध में बहुत बढ़िया विचार थे, जिन्हें अगर मौका मिलता, तो मैं उन्हें लागू करना चाहता और इस तरह बहुत ईमानदारी और निष्ठा से राज्य के विकास में योगदान देता. दुर्भाग्य से, ऐसा नहीं हो सका. मुझे यकीन है कि ऐसा करने के लिए बेहतर विचारों वाले और भी लोग होंगे."

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