पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में भारतीय जनता पार्टी की रैली के दौरान बलविंदर सिंह नाम के जिस सिख शख्स को गिरफ्तार किया गया था, उसे जमानत मिल गई है. हालांकि बलविंदर सिंह के साथ गिरफ्तार दो अन्य लोगों को पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.
बलविंदर को बीजेपी की रैली में हथियार लेकर चलने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. बलविंदर सिंह के साथ पुलिस के सलूक को लेकर बवाल मच गया था. पगड़ी खुलने को लेकर क्रिकेेटर हरभजन सिह ने भी सवाल खड़े किए थे.
बहरहाल, बलविंदर सिंह को जमानत देते हुए जज ने पुलिस और पश्चिम बंगाल सरकार की खिंचाई की. जज ने कहा कि पुलिस सोशल मीडिया पर किसी के भी बंदूक लाइसेंस जैसे गोपनीय दस्तावेज को कैसे साझा कर सकती है? बलविंदर का लाइसेंस वैध था फिर यह कार्रवाई क्यों? अधिकारी यह कैसे तय कर सकते हैं कि हमने एक बैठक की है और जब अदालत इस मामले की सुनवाई कर रही है तो उसे रिहा कर देगी.
असल में, पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यकर्ताओं की हत्या के खिलाफ 8 अक्टूबर को पार्टी ने प्रदर्शन किया था. इसमें पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया था. कोलकाता में भी बीजेपी के जगह-जगह प्रदर्शन हुए थे. बीजेपी की रैली के दौरान पुलिस एक्शन में एक सिख सुरक्षाकर्मी की पगड़ी खुल जाने पर राज्य सरकार बैकफुट पर चली गई थी.
बाद में पश्चिम बंगाल पुलिस ने इस पूरे घटनाक्रम पर स्पष्टीकरण जारी किया था. पुलिस का कहना था कि पगड़ी उतारने की कोई कोशिश नहीं की गई थी. पुलिस की तरफ से एक वीडियो भी जारी किया गया है जिसमें दिख रहा था कि हाथापाई में गिरते समय सिख व्यक्ति की पगड़ी अपने आप खुल कर गिर गई थी.
अपने बयान में बंगाल पुलिस ने कहा है कि संबंधित व्यक्ति विरोध प्रदर्शन में हथियार ले जा रहा था. हमारे अधिकारी के साथ हाथापाई में पगड़ी अपने आप गिर गई. किसी भी समुदाय की भावनाओं को आहत करना हमारा उद्देश्य नहीं है. साथ ही पुलिस ने उस घटना का वीडियो भी ट्विटर पर शेयर किया है जिसमें एक पुलिसकर्मी संबंधित शख्स को खींचते हुए नजर आ रहा है.