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बेंगलुरु बेड स्कैम: सस्पेंड हुए 17 कर्मचारी वापस ज्वाइन कर सकेंगे वॉर रूम, नहीं मिला सबूत

बेड स्कैम के आरोपों के बाद जिन 17 कर्मचारियों को वॉर रूम से सस्पेंड कर दिया गया था, अब वह वापस जुड़ सकेंगे. बेड स्कैम में इन सभी पर रिश्वत लेने के आरोप लगे थे, लेकिन पुलिस को अभी तक इनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है. 

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बेंगलुरु में सामने आया था पूरा मामला (सांकेतिक तस्वीर)
बेंगलुरु में सामने आया था पूरा मामला (सांकेतिक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बेंगलुरु के कथित बेड स्कैम में बड़ा अपडेट
  • 17 सस्पेंड हुए अधिकारी वापस काम पर लौटेंगे

कोरोना संकट काल के बीच कर्नाटक के बेंगलुरु में सामने आए कथित बेड स्कैम में नया अपडेट हुआ है. बेड स्कैम के आरोपों के बाद जिन 17 कर्मचारियों को वॉर रूम से सस्पेंड कर दिया गया था, अब वह वापस जुड़ सकेंगे. बेड स्कैम में इन सभी पर रिश्वत लेने के आरोप लगे थे, लेकिन पुलिस को अभी तक इनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है. 

इन 17 में से 11 की कंपनी को तो चिट्ठी भी दे दी गई है कि वो अब वॉर रूम की ड्यूटी ज्वाइन कर सकते हैं. कोरोना संकट काल में पैसे लेकर कोविड मरीज को बेड देने के इन आरोपों के कारण कर्नाटक में काफी बवाल हुआ था. 

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सस्पेंड हुए सभी स्टाफ की वापसी के बाद अब कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा है. कांग्रेस के प्रियांक खड़गे ने ट्वीट कर लिखा है कि अब उन स्टाफर का सम्मान कौन लौटाएगा, उन सभी के साथ काफी बुरा हुआ है.

क्या है ये पूरा मामला?
दरअसल, बीते दिनों भारतीय जनता पार्टी के सांसद तेजस्वी सूर्या ने आरोप लगाया था कि बेंगलुरु के कोविड वॉर रूम में बेड्स को लेकर घोटाला चल रहा है. ये वॉर रूम ही शहर में कोविड मरीजों के लिए बेड का बंदोबस्त कर रहा है. तेजस्वी सूर्या का आरोप था कि करीब दो हफ्ते में जब किसी ने यहां फोन किया, तो उसे बेड के लिए इनकार कर दिया गया. 

तेजस्वी सूर्या ने आरोप लगाया था कि वॉर रूम में बैठे कुछ लोग, बाहर के एजेंट्स की मदद से मरीजों के लिए बेड्स को रिजर्व रखते हैं, जो पैसा देता है उसे बेड्स देते हैं, जबकि बाकी को मना कर दिया जाता है. 

तेजस्वी सूर्या द्वारा राज्य में अपनी ही सरकार पर लगाए गए आरोपों पर काफी बवाल मचा था, सोशल मीडिया पर भी इसको लेकर काफी तीखी आलोचना की गई थी. 

बता दें कि कर्नाटक इस वक्त लॉकडाउन में है और कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा है. महाराष्ट्र के बाद अब कर्नाटक में ही कोरोना का सबसे बड़ा संकट है, जहां हर रोज पचास हजार के करीब केस आ रहे हैं. 

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