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Yunus on Chicken Neck Corridor: 'हम लोग बांग्लादेश को तोड़कर समंदर तक अपना रास्ता भी बना सकते हैं...', यूनुस के 'चिकन नेक' वाले बयान पर भड़के पूर्वोत्तर के नेता

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मुहम्मद यूनुस के इस बयान को उकसावे वाला और अस्वीकार्य बताया है. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट कर कहा कि बांग्लादेश की तथाकथित अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस का पूर्वोत्तर भारत की सेवन सिस्टर्स को लेकर दिया गया बयान आपत्तिजनक हैं और इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए. 

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हिमंत बिस्वा सरमा, मोहम्मद यूनुस और प्रद्योत माणिक्य
हिमंत बिस्वा सरमा, मोहम्मद यूनुस और प्रद्योत माणिक्य

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों का हवाला देकर चीन से अपनी अर्थव्यवस्था को विस्तार देने की अपील की थी, जिस पर हंगामा बरपा हुआ है. भारतीय नेताओं ने यूनुस के इस बयान की कड़ी निंदा करते हुए उन्हें आड़े हाथ लिया है.

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असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मुहम्मद यूनुस के इस बयान को उकसावे वाला और अस्वीकार्य बताया है. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट कर कहा कि बांग्लादेश की तथाकथित अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस का पूर्वोत्तर भारत की सेवन सिस्टर्स को लेकर दिया गया बयान आपत्तिजनक है और इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए. 

उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर को मुख्यभूमि भारत से जोड़ने के लिए मजबूत रेलवे और सड़क नेटवर्क विकसित करना अनिवार्य है. भारत के कुछ आंतरिक तत्वों ने भी इस महत्वपूर्ण मार्ग को काटकर नॉर्थईस्ट को मेनलैंड इंडिया से अलग करने का खतरनाक सुझाव दिया था.

उन्होंने अपील की कि चिकन नेक कॉरिडोर के नीचे और आसपास मजबूत रेल और सड़क नेटवर्क विकसित किया जाए. उन्होंने कहा कि हालांकि इसमें इंजीनियरिंग की बड़ी चुनौतियां हो सकती हैं, लेकिन दृढ़ संकल्प और इनोवेशन से यह संभव है. यूनुस के इस तरह के उकसावे वाले बयानों को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए.

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टिपरा मोथा पार्टी के चीफ प्रद्योत माणिक्य ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इंजीनियरिंग चुनौतियों पर अरबों रुपये खर्च करने के बजाय हमें बांग्लादेश को तोड़कर अपनी समुद्री पहुंच सुनिश्चित करनी चाहिए. चटगांव हिल ट्रैक्ट्स में जो जनजातीय समुदाय बसे हैं, वे 1947 से ही भारत के साथ रहना चाहते थे. लाखों त्रिपुरी, गारो, खासी और चकमा लोग आज भी बांग्लादेश में बुरी स्थिति में रह रहे हैं. हमें अपने राष्ट्रीय हित और उनके कल्याण के लिए इस मुद्दे का उपयोग करना चाहिए.

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी मोहम्मद यूनुस के बयान की निंदा करते हुए क्षेत्र में चीन के लगातार बढ़ रहे प्रभाव के खतरों को लेकर चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश भारत की घेराबंदी करने के लिए चीन को अपने यहां दावत दे रहा है. बांग्लादेश सरकार का ये रवैया हमारे नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र की सुरक्षा के लिए बहुत खतरनाक है. सरकार मणिपुर की सुध नहीं ले रही और अरुणाचल में चीन पहले से ही गांव बसा कर बैठा. हमारी विदेश नीति इतनी दयनीय स्थिति में है कि जिस देश के निर्माण में भारत की मुख्य भूमिका थी, वो भी आज हमारे  खिलाफ गोलबंदी में जुटा है.

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मोहम्मद यूनुस ने आखिर क्या कहा था?

चीन दौरे पर गए बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने चीन की धरती पर कहा था कि इस क्षेत्र के समंदर का एक मात्र गार्जियन ढाका है. चीन को अपने देश में निवेश करने का न्योता देते हुए यूनुस ने कथित तौर पर भारत की मजबूरियां गिनाई थी और चीन को लुभाते हुए कहा था कि उसके पास बांग्लादेश में बिजनेस का बड़ा मौका है.

मोहम्मद यूनुस ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों का जिक्र करते हुए कहा था कि भारत के पूर्वोत्तर राज्यों, जिन्हें सेवन सिस्टर्स कहा जाता है. वे चारों ओर से भूमि से घिरे हुए देश हैं, भारत का लैंड लॉक्ड क्षेत्र हैं. उनके पास समुद्र तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है. इस पूरे क्षेत्र में जो समंदर है उसका एक मात्र गार्जियन बांग्लादेश है.

क्या है चिकन नेक?

चिकन नेक, जिसे सिलीगुड़ी कॉरिडोर के नाम से भी जाना जाता है. यह लगभग 20-22 किलोमीटर चौड़ा और 60 किलोमीटर लंबा क्षेत्र है. ये वही रास्ता है जो भारत की मुख्य भूमि को इसके पूर्वोत्तर राज्यों (जिन्हें "सेवन सिस्टर्स" भी कहा जाता है) से जोड़ता है. 

सवाल उठता है कि इसे चिकेन नेक क्यों कहते हैं? दरअसल  इसका नाम "चिकन नेक" इसलिए पड़ा क्योंकि यह मुर्गी की गर्दन की तरह पतला है. 22 KM चौड़ा ये रास्ता मेनलैंड इंडिया को पूर्वोत्तर भारत से जोड़ता है. इसकी वजह से यह भौगोलिक और सामरिक दृष्टि से संवेदनशील है. यह कॉरिडोर नेपाल, बांग्लादेश, भूटान और चीन जैसे पड़ोसी देशों से घिरा हुआ है, जिसके कारण इसका महत्व और भी बढ़ जाता है. 

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