बांग्लादेशी तस्करों ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बरहामपुर इलाके में बीएसएफ सीमा चौकी कहारपारा के जवानों पर 23 जून की रात फिर से हमला किया है. कथित तौर पर धारदार हथियारों से लैस तस्करों ने भारत में माल की तस्करी करने की कोशिश की. 73वीं बटालियन सीमा चौकी- कहारपारा के जवानों ने आत्मरक्षा में फायरिंग कर तस्करी की कोशिशों को विफल कर दिया, जिससे तस्कर वापस बांग्लादेश भाग गए.
घटना के दौरान घटनास्थल से एक धारदार तलवार और एक चाकू बरामद किया गया. इसी तरह की घटनाएं क्षेत्रीय मुख्यालय कोलकाता में सीमा चौकी बिठारी जैसे अन्य क्षेत्रों में भी हुई हैं, जहां बीएसएफ जवानों ने बांग्लादेशी तस्करों के खिलाफ आत्मरक्षा में स्टन ग्रेनेड दागे थे. इन हमलों के बाद, इस मुद्दे को संबोधित करने और हमलों का विरोध करने के लिए बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश (बीजीबी) के साथ एक बैठक आयोजित की गई.
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बांग्लादेश से तस्करों पर ठोस कार्रवाई की अपील
बिना बाड़ वाले इलाकों और सीमा से घरों की निकटता की वजह से बीएसएफ के सामने आने वाली चुनौतियों के बावजूद, जवान तस्करी की गतिविधियों को रोकने में सतर्क रहते हैं.
बीएसएफ दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के पीआरओ के डीआईजी ने ऐसी घटनाओं से निपटने में बीएसएफ जवानों के साहस और सतर्कता और हमलों और अवैध घुसपैठ के बारे में बार-बार अलर्ट के बावजूद बीजीबी की ओर से ठोस कार्रवाई न किए जाने पर जोर दिया. बीएसएफ ने बांग्लादेश से तस्करों पर ठोस कार्रवाई की अपील की है.
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फ्लैग मीटिंग के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई
बीएसएफ दक्षिण बंगाल सीमान्त के पीआरओ, डीआईजी एके आर्य ने कहा, "दुर्भाग्य से हमारे कर्तव्य पथ पर ऐसी घटनाएं असामान्य नहीं हैं. बीएसएफ के जवान असाधारण साहस और सतर्कता के साथ अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं. बांग्लादेशी अपराधियों द्वारा लगातार हमलों और अवैध घुसपैठ के बारे में उन्हें सचेत करने के लिए बीजीबी के साथ लगातार फ्लैग मीटिंग के बावजूद, उनके द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है.