देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) दिवंगत बिपिन रावत के नाम पर बारामूला के स्टेडियम का नाम रखा गया है. बता दें कि पूर्व सीडीएस अपने कार्यकाल के दौरान बारामूला में लंबे समय तक रहे. वह बारामूला के लोगों के काफी करीब थे.
गौरतलब है कि दिसंबर 2021 के पहले सप्ताह में सेना का एमआई-17 हेलीकॉप्टर तमिलनाडु में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें सीडीएस बिपिन रावत समेत अन्य लोग मारे गए थे. वायुसेना के आधुनिक हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से पूरे देश में सनसनी फैल गई थी.
कैसे हुए था सीडीएस के हेलिकॉप्टर हादसा
सुबह 8 बजकर 47 मिनट पर दिल्ली से वायुसेना के स्पेशल एयरक्राफ्ट से भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, अपनी पत्नी समेत 14 लोगों के साथ रवाना हुए थे. सुबह 11 बजकर 34 मिनट पर तमिलनाडु के सुलुर पहुंचे. दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर खबर आई कि जनरल बिपिन रावत समेत 14 लोगों को ले जा रहा सेना का ये सबसे खास हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया.
सीएम धामी ने किया था प्रतिमा का अनावरण
बता दें कि जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद पूरा देश शोक में डूब गया था. इसके बाद उन्हें याद करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में जनरल बिपिन रावत की प्रतिमा का अनावरण तथा स्मारक स्थल का लोकार्पण किया था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि जनरल बिपिन रावत की स्मृति को चिरस्थायी बनाये जाने के लिए प्रदेश की किसी बड़ी परियोजना का नाम उनके नाम पर रखा जाएगा.
मुख्यमंत्री ने की थी जनरल रावत की तारीफ
सीएम ने आगे कहा था कि सीडीएस रावत की आकस्मिक मृत्यु से देश को अपूरणीय क्षति पहुंची है. उत्तराखण्ड सैनिक बाहुल्य प्रदेश है तथा भारतीय सेना के गौरवमयी इतिहास में उत्तराखण्ड के सैनिकों का विशिष्ट योगदान रहा है. उन्होंने कहा था कि जनरल बिपिन रावत की मातृभूमि के लिए चार दशकों की निःस्वार्थ सेवा असाधारण वीरता और रणनीतिक कौशल से परिपूर्ण थी.