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कर्नाटक में पिछले कुछ समय से सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अंदर चल रहे राजनीतिक संशय पर बादल छंट गया है. कर्नाटक के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई अब राज्य के नए मुख्यमंत्री होंगे. बीजेपी विधायक दल की बैठक के दौरान बीएस येदियुरप्पा ने बसवराज के नाम पर प्रस्ताव रखा जिसे स्वीकार कर लिया गया. बसवराज आज सुबह 11 बजे सीएम पद की शपथ लेंगे.
नए सीएम के साथ-साथ कर्नाटक में तीन डिप्टी सीएम भी बनाए जाएंगे. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, इस पर पार्टी में आम सहमति बनी है. जिनको डिप्टी सीएम बनाया जाएगा उनमें आर अशोक (वोक्कालिगा), गोविंद करजोल (एससी) और श्रीरामालु (एसटी) शामिल होंगे.
येदियुरप्पा ने बोम्मई के नाम का रखा था प्रस्ताव
कार्यवाहक मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने बोम्मई के नाम का प्रस्ताव बैठक में रखा जिसे करजोल अशोक ईश्वरप्पा और सभी विधायकों की ओर से समर्थन किया गया. बाद में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बसवराज बोम्मई के नाम का ऐलान किया. बसवराज आज 11 बजे नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे.
कर्नाटक बीजेपी नेता के सुधाकर ने कहा कि यह फैसला सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से लिया है. उन्हें पार्टी से ही नहीं, पार्टी के बाहर से भी सम्मान मिलता है.
एक दिन पहले निवर्तमान मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की तरह नए मुख्यमंत्री भी राजनीतिक रूप से प्रभावशाली लिंगायत समुदाय से ताल्लुक रखते हैं.
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इंडिया टुडे को लेकर क्या बोले बसवराज
मुख्यमंत्री के रूप में चुने जाने के बाद बसवराज ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि इंडिया टुडे के शब्द सच हो गए हैं. शपथ ग्रहण को लेकर शीघ्र ही आपको बताऊंगा. मेरे पास प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी), गृह मंत्री अमित शाह और येदियुरप्पा का आशीर्वाद है. उन्होंने कहा कि जब आपने मुझसे दोपहर में पूछा था तब मुझे नहीं पता था.
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जबकि मुख्यमंत्री के लिए नाम के ऐलान से पहले बसवराज बोम्मई ने इंडिया टुडे टीवी से कहा था कि हम विधायक दल की बैठक के बाद नए मुख्यमंत्री के बारे में जानेंगे. उन्होंने कहा कि कोविड-19 स्थिति को संभालना अगले मुख्यमंत्री के लिए एक चुनौती होगी. हमें इससे लड़ने की जरूरत है.
केंद्रीय नेताओं की बैठक
इससे पहले राज्य के नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर केंद्रीय मंत्रियों धर्मेंद्र प्रधान और जी किशन रेड्डी के साथ वरिष्ठ बीजेपी नेता अरुण सिंह और नलिन कतील, जिन्हें कर्नाटक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में भेजा गया है, ने बेंगलुरु में बीजेपी विधायक दल की बैठक में भाग लेने से पहले एक बंद कमरे में बैठक की.
कर्नाटक के मंत्री बसवराज बोम्मई और जगदीश शेट्टार ने आज शाम बेंगलुरु में राज्य के बीजेपी पर्यवेक्षकों और केंद्रीय मंत्रियों धर्मेंद्र प्रधान और जी किशन रेड्डी से मुलाकात की.
शाम 6.30 बजे के करीब बीजेपी के कुछ गैर-लिंगायत विधायकों ने इंडिया टुडे टीवी को बताया कि वे पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षकों को यह बताने की योजना बना रहे हैं कि वे अन्य समुदायों के विधायकों को मुख्यमंत्री बनने का मौका दें. ये विधायक केंद्रीय नेतृत्व को बता सकते हैं कि कर्नाटक में बीजेपी के लिए अन्य समुदाय भी महत्वपूर्ण हैं. एक विधायक ने कहा कि बीजेपी ने हमेशा राज्य में एक लिंगायत नेता को अपना चेहरा बनाया है. अब भाजपा में अन्य समुदायों के बढ़ने का समय है.
2008 में बीजेपी में हुए शामिल
जनता दल छोड़कर बसवराज बोम्मई 2008 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हुए और तब से लगातार पार्टी में ऊपर चढ़ते चले गए. वह पहले राज्य सरकार में जल संसाधन मंत्री रहे हैं. येदियुरप्पा सरकार में वह गृह मंत्री भी थे. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत जनता दल के साथ की थी.
बोम्मई पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर हैं और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत टाटा समूह से की थी. वह दो बार एमएलसी और तीन बार विधायक रहे हैं. उनके पिता एसआर बोम्मई भी कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
3 सीएम ही पूरा कर सके कार्यकाल
कर्नाटक के इससे पहले मुख्यमंत्री बनने वाले 22 नेताओं में से केवल तीन मुख्यमंत्री ही अपना कार्यकाल पूरा कर सके. कार्यवाहक मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने चार अलग-अलग कार्यकालों के जरिए कुल 1,901 दिनों के लिए पद संभाला. राज्य में अब तक 9 मौकों पर मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल का एक साल भी पूरा नहीं कर सके.