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बंगाल-ओडिशा के तट पर 26 मई की शाम पहुंचेगा चक्रवाती तूफान 'यास', NDRF की 65 टीमें तैनात

आईएमडी के मुताबिक इस चक्रवाती तूफान के 26 मई की शाम तक पश्चिम बंगाल और समीपवर्ती उत्तरी ओडिशा के तट तक पहुंचने की प्रबल संभावना है. इस दौरान 155 से लेकर 165 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति से हवा चलने, इन राज्यों के तटीय जिलों में भारी बारिश और तूफानी लहरें उठने की आशंका है.

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निचले इलाकों से लोगों को निकालने का काम जारी (फाइल फोटोः पीटीआई)
निचले इलाकों से लोगों को निकालने का काम जारी (फाइल फोटोः पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कैबिनेट सचिव राजीव गाबा ने की समीक्षा बैठक
  • तूफान से निपटने की तैयारियों की जानकारी

बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान यास के 26 मई की शाम तक पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तट से टकराने की संभावना है. इसे देखते हुए तूफान से प्रभावित होने की आशंका वाले इलाकों में नेशनल डिजास्टर रेस्क्यू फोर्स (एनडीआरएफ) की 65 टीमें तैनात किए जाने की तैयारी है. एनडीआरफ की 20 और टीमें भी तैयार रहेंगी जिन्हें जरूरत पड़ने पर तैनात किया जाएगा.

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इसी कड़ी में आज यानी रविवार को भारतीय वायुसेना 21 टन HADR उपकरण और NDRF के 334 कर्मियों को  पटना और वाराणसी से कोलकाता और अरक्कोनम से पोर्ट ब्लेयर के लिए एयरलिफ्ट कर रही है. इसके लिए C-130 के पांच एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया जा रहा है. यास तूफान के मद्देनजर आईएएफ अबतक 606 एनडीआरएफ कर्मियों  और 57 टन लोड एयरलिफ्ट कर चुकी है. आईएएफ ने  एक C-17, एक IL-76, तीन C-130s, चार  An-32s समेत कई एयरक्राफ्ट तैनात किया हुआ है. 

चक्रवाती तूफान यास से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की बैठक हुई. इस बैठक की अध्यक्षता कैबिनेट सचिव राजीव गाबा ने की. बैठक में यास से निपटने के लिए केंद्र, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों, एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा की गई. भारत मौसम विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक ने इस समिति को चक्रवाती तूफान की नवीनतम स्थिति के बारे में जानकारी दी.

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आईएमडी के मुताबिक इस चक्रवाती तूफान के 26 मई की शाम तक पश्चिम बंगाल और समीपवर्ती उत्तरी ओडिशा के तट तक पहुंचने की प्रबल संभावना है. इस दौरान 155 से लेकर 165 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति से हवा चलने, इन राज्यों के तटीय जिलों में भारी बारिश और तूफानी लहरें उठने की आशंका है. संबंधित राज्यों के मुख्य सचिव ने समिति को चक्रवाती तूफान से निपटने के लिए की गई तैयारियों की जानकारी दी और यह भी बताया कि निचले इलाकों से लोगों को निकालने का कार्य लगातार किया जा रहा है.

राज्यों के मुख्य सचिव ने यह भी बताया कि खाद्यान्न, पेयजल और अन्य जरूरी वस्‍तुओं की आपूर्ति के लिए इनके पर्याप्त स्टॉक की व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही बिजली और दूरसंचार जैसी आवश्यक सेवाओं को सुचारू बनाए रखने के लिए भी आवश्यक इंतजाम किए गए हैं. एनडीआरएफ ने 65 टीमें उपलब्ध करा दी हैं और 20 अतिरिक्त टीमों को भी तैयार रखा गया है. जहाज और विमान के साथ थल सेना, नौसेना और तटरक्षक बल के रेस्क्यू दल भी तैनात किए गए हैं.

कोविड केयर सेंटर के लिए भी जरूरी इंतजाम

अस्पतालों और कोविड केयर सेंटर का भी सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए भी जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं. देशभर के कोविड केयर सेंटर के लिए ऑक्सीजन का उत्पादन और आपूर्ति भी सुनिश्चित की जा रही है. तूफान से निपटने की तैयारियों की समीक्षा करते हुए राजीव गाबा ने जोर देकर कहा कि सभी उपाय समयबद्ध तरीके से किए जाने चाहिए ताकि जान-माल का नुकसान कम से कम हो. गाबा ने इस बात पर भी विशेष जोर दिया कि कोरोना संक्रमितों की हिफाजत सुनिश्चित की जाए और कोविड अस्पताल के कामकाज में कोई भी बाधा आने से हर हालत में बचा जाए.

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उन्होंने यह भी सलाह दी कि चक्रवाती तूफान से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में ऑक्सीजन के उत्पादन के साथ-साथ वहां से देश के अन्य हिस्सों में इसकी आवाजाही बनाए रखने के लिए सभी ठोस कदम उठाए जाएं. कैबिनेट सचिव ने यह भी कहा कि बिजली, दूरसंचार और अन्य जरूरी सेवाओं को तेजी से बहाल करने के लिए सभी शुरुआती व्‍यवस्‍था कर ली जाए. उन्होंने संबंधित एजेंसियों को आपस में पूरे तालमेल के साथ काम करने और राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को सभी जरूरी सहायता प्रदान करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने उन क्षेत्रों से लोगों को जल्द से जल्द निकालने पर जोर दिया जिनके चक्रवाती तूफान से प्रभावित होने की आशंका है.

हर जहाज की सुनिश्चित हो तट पर वापसी

कैबिनेट सचिव गाबा ने साथ ही सभी नाव, जहाज की तट पर वापसी सुनिश्चित करने के लिए भी कहा ताकि किसी की भी जिंदगी खतरे में न पड़े. इस बैठक में पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, अंडमान और निकोबार, पुडुचेरी के मुख्य सचिव और अधिकारियों ने भाग लिया. बैठक में गृह, विद्युत, शिपिंग, दूरसंचार, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, नागरिक उड्डयन एवं मत्स्य पालन मंत्रालयों के सचिव, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष, एनडीएमए के सदस्य सचिव, आईडीएस के प्रमुख और तटरक्षक बल, एनडीआरएफ और आईएमडी के महानिदेशक शामिल हुए.

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