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सुपर साइक्लोन यास से पहले पश्चिम बंगाल के हुगली में टॉरनेडो यानी बवंडर ने भयानक तबाही मचाई है. ताज्जुब की बात यह रही कि इस घटना के बारे में मौसम विभाग की तरफ कोई अग्रिम सूचना दी गई थी. मंगलवार की शाम आए इस बवंडर से पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई.
दर्जनों मकान, दुकान व पेड़, ताश के पत्तों की तरह बिखर गए. घटना के बाद पूरे इलाके में घंटों बिजली गुल रही. हुगली के चुचुड़ा शहर, बेंडेल, बालागढ़, पांडुआ का एक बड़ा हिस्सा पूरी तरह से अंधकार की काली चादर से ढक गया. मामले में जानकारी देते हुए हुगली ग्रामीण के एसपी अमनदीप एडिशनल एसपी प्रतीक्षा झारखंडया ने बताया कि हुगली के पांडुआ में थंडर स्टॉर्म के कारण 2 लोगों की मौत हो गई.
ऐतिहासिक इमारत बेंंडेल चर्च के इर्द गिर्द के इलाकों समेत हुगली के कई इलाकों में दुकानें और मकान ध्वस्त हो गये. बड़े-बड़े पेड़ जैसेेेेे ताश के पत्ते की तरह धराशाई होकर बीच सड़क पर बेजान पड़े हुए मिले. बाद मे स्थानीय निकाय और प्रशासन की मदद से फौरन इन पेड़ों को काटकर हटाया गया.
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हालांकि प्रशासन के तरफ से हुगली के डीएम दीपाप्रिया पी के नेतृत्व में राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया गया है. लेकिन पीड़ित परिवार के लोग यह आरोप लगा रहे हैं कि इस विकट परिस्थिति में प्रशासन के तरफ से उन तक पहुंचाई गई मदद अपर्याप्त है. बवंडर का ऐसा मंजर हुगलीवासियों ने कभी नहीं देखा था. इस प्राकृतिक त्रासदी को देखकर स्थानीय लोगों के होश ही उड़ गए.
सहमे हुए लोग डर के मारे अपने घरों में छिप गए. घटना की खबर मिलते ही टॉरनेडो के कहर से दर्जनों पीड़ितों के परिजनों से हुगली के सांसद व बंगाल बीजेपी के महासचिव लॉकेट चैटर्जी मिलने पहुंचीं. इस अवसर पर लॉकेट ने कहा आपदा की इस घड़ी में उनकी पूरी संवेदना और सहानुभूति पीड़ित परिवारों के साथ है. उन्होंने पीड़ितों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराये जाने का भी आश्वासन दिया.
(हुगली से भोला नाथ साहा का इनपुट)