चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने आज यानी कि 2 अक्तूबर को अपनी पार्टी जन सुराज की लॉन्चिंग करने जा रहे हैं. उन्होंने पहले ही ऐलान कर दिया है कि उनकी पार्टी अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा में हिस्सा लेगी. प्रशांत किशोर की पार्टी लॉन्चिंग को लेकर अब अन्य दलों का रिएक्शन भी सामने आने लगा है.
मीसा भारती ने बताया बीजेपी की बी टीम
आरजेडी सांसद मीसा भारती ने प्रशांत किशोर पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर भ्रम फैला रहे हैं. दरअसल, वो बीजेपी की B टीम हैं. मीसा भारती ने कहा कि प्रशांत किशोर एनडीए को मदद करने के लिए अपनी पार्टी बना रहे हैं. आरजेडी सांसद ने कहा कि जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य में 20 साल में फैक्ट्री नहीं लगा पाए तो भला प्रशांत किशोर क्या करेंगे.
रोहिणी आचार्य ने भी साधा निशाना
प्रशांत किशोर पर निशाना साधते हुए आरजेडी नेता रोहिणी आचार्य ने कहा, 'कौन है प्रशांत किशोर पांडे ? पांडे लोगों का तो काम ही है यादव को गाली देना तभी तो इनकी दुकान चलेगी. राजनीति में आना है तो लालू परिवार को गाली देते रहते हैं. खुद को चमकाने के लिए . मोदी ,नीतीश से मोटा पैसा कमाएं है तो अब बिहार के लिए कुछ तो करते .'
क्या बोले डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी
बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में करीब 200 पार्टियां हैं. उनके पार्टी लॉन्च करने से हमें कोई फर्क नहीं पड़ता. वो अपनी तैयारी करें हम अपनी तैयारी में जुटे हैं. सभी को अपना दांव खेलने की इजाजत है.
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बिहार की पदयात्रा पर हैं प्रशांत किशोर
बता दें कि 2 अक्टूबर 2022 से जन सुराज अभियान के तहत प्रशांत किशोर पूरे बिहार की पदयात्रा पर हैं. उनकी पदयात्रा अबतक 17 जिले में हो चुकी है. दो साल के दौरान प्रशांत किशोर ने लगभग 5 हजार किमी की पदयात्रा की है और 5500 से अधिक गांवों में पैदल चलकर गए हैं. जन सुराज को बिहार के 1 करोड़ लोग मिलकर एक राजनीतिक दल बनाने जा रहे हैं.
कौन हैं प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर का जन्म बिहार के रोहतास जिले के कोनार गांव में हुआ था. 20 मार्च 1977 को जन्मे पीके के पिता श्रीकांत पांडेय सरकारी डॉक्टर थे. पीके के जन्म के बाद परिवार बक्सर शिफ्ट हो गया और पीके की स्कूलिंग यहीं हुई. भगवान राम की शिक्षा नगरी बक्सर से शुरुआती पढ़ाई करने के बाद पीके इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए हैदराबाद चले गए. इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद चिकित्सक परिवार से नाता रखने वाले पीके यूएन के एक हेल्थ प्रोग्राम से जुड़ गए. उनकी ननिहाल उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद में है.
पीके को साल 2014 के आम चुनाव में बीजेपी की बड़ी जीत से पहचान मिली. पीके ने तब बीजेपी की ओर से पीएम फेस नरेंद्र मोदी के लिए चुनावी रणनीति तैयार की थी. नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद पीके का नाम भी खूब चर्चा में रहा था. प्रशांत किशोर ने बीजेपी के अलावा जेडीयू-आरजेडी गठबंधन से लेकर कांग्रेस तक, अलग-अलग राजनीतिक दलों के साथ भी काम किया. 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में पीके ने आरजेडी-जेडीयू-कांग्रेस के महागठबंधन के लिए चुनाव रणनीतिकार की भूमिका निभाई और जीत तक पहुंचाया भी.