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देश में 4 लाख से ज्यादा भिखारी, जानिए किन कानून के तहत अपराध है भीख मांगना, क्या हो सकता है एक्शन

2011 की जनगणना के मुताबिक, देश में भिखारियों की संख्या 4 लाख 13 हजार से ज्यादा है. इनमें से 61 हजार से ज्यादा की उम्र 19 साल से कम है. भीख मांगने को लेकर कोई केंद्रीय कानून नहीं है. लेकिन एक कानून है जो भीख मांगने को अपराध बनाता है. और इसके तहत दोषी पाए जाने पर सख्त सजा भी हो सकती है.

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भीख मांगने पर बेगर होम भेजा जा सकता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर- Reuters)
भीख मांगने पर बेगर होम भेजा जा सकता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर- Reuters)

'लोग सड़कों पर भीख इसलिए नहीं मांगते क्योंकि ये उनकी मर्जी है, बल्कि इसलिए मांगते हैं क्योंकि ये उनकी जरूरत है. अपनी जिंदगी चलाने के लिए उनके पास भीख मांगना ही आखिरी उपाय है.'

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2018 में दिल्ली हाईकोर्ट की तत्कालीन चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस हरिशंकर ने अपने फैसले में ये बात लिखी थी. अदालत ने भीख मांगने को 'अपराध' बनाने वाले कानून को रद्द कर दिया था. साथ ही ये भी कहा था कि 'भीख मांगने को अपराध बनाने कुछ सबसे कमजोर लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा.'

बाद में ये मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने भी भीख मांगने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. 

भिखारियों की बात इसलिए क्योंकि इनसे जुड़ी दो बड़ी खबरें सामने आईं हैं. पहली ये कि नागपुर को 'भिखारी मुक्त शहर' बनाने की पहल की जा रही है. पुलिस सख्ती कर रही है. पुलिस का कहना है कि सार्वजनिक जगहों पर भीख मांगने की अनुमति नहीं होगी. दूसरी खबर ये कि सरकार अंग्रेजों के जमाने के बहुत से कानूनों को खत्म करने की तैयारी कर रही है. इनमें एक कानून वो भी है जिसमें रेलवे स्टेशन पर भीख मांगना अपराध माना जाता है.

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हाईकोर्ट ने कहा था, भीख मांगना उनकी जरूरत. (प्रतीकात्मक तस्वीर-AFP)

भिखारियों को लेकर आंकड़े क्या कहते हैं?

देश में भिखारियों की संख्या को लेकर ताजा आंकड़े नहीं हैं. 14 दिसंबर 2021 को लोकसभा में सरकार ने भिखारियों की संख्या से जुड़े आंकड़े दिए थे. ये आंकड़े 2011 की जनगणना से लिए गए थे.

इसमें सरकार ने बताया था कि देश में भिखारियों की संख्या 4 लाख 13 हजार से ज्यादा है. इनमें से 2.21 लाख पुरुष और 1.92 लाख महिलाएं हैं. इनमें से 61 हजार से ज्यादा ऐसे हैं जिनकी उम्र 19 साल से कम है.

इन आंकड़ों के मुताबिक, देश में सबसे ज्यादा भिखारी पश्चिम बंगाल हैं. पश्चिम बंगाल में भिखारियों की संख्या 81,244 है. दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश है जहां 65,835 भिखारी हैं. इनके अलावा आंध्र प्रदेश में 30 हजार 218, बिहार मे 29 हजार 723, मध्य प्रदेश में 28 हजार 695 और राजस्थान में 25 हजार 853 भिखारी हैं. राजधानी दिल्ली में भिखारियों की संख्या 2,187 है.

इन आंकड़ों के अलावा एक आंकड़ा बेघर बच्चों का भी है. इसी साल 10 फरवरी को लोकसभा में सरकार ने बताया है कि देशभर में करीब 20 हजार बच्चे बेघर हैं. इनमें से 10,401 बच्चे अपने परिवार के साथ रहते हैं. 8,263 बच्चे ऐसे हैं जो दिन में बेघर रहते हैं और रात में पास की झुग्गी-झोपड़ियों में चले जाते हैं. जबकि 882 बच्चे ऐसे थे जो बिना किसी सहारे के रह रहे हैं. ये उन बच्चों का डेटा है जिनकी जानकारी स्वराज पोर्टल पर है.

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क्या भीख मांगना अपराध है?

फिलहाल, भारत में भीख मांगने से रोकने को लेकर कोई केंद्रीय कानून नहीं है. हालांकि, 1959 का बॉम्बे प्रिवेन्शन ऑफ बेगिंग एक्ट 20 से ज्यादा राज्यों में लागू है. राजधानी दिल्ली में भी.

ये कानून भीख मांगने को अपराध बनाता है. ये कानून सिर्फ सड़कों पर भीख मांगने को ही अपराध नहीं बनाता. बल्कि, अगर आप किसी भी सार्वजनिक जगह पर डांस करके, गाना गाकर, कोई चित्रकारी करके, कोई करतब दिखाकर या किसी भी तरह से ऐसा कुछ करते हैं जिसके बदले आपको लोगों से पैसे मिलते हैं, उसे भी 'भीख' मानता है. 

अगर कोई व्यक्ति भीख मांगते हुए पकड़ा जाता है तो उसे एक से तीन साल तक बेगर होम में डिटेन करके रखा जा सकता है. अगर वही व्यक्ति दोबारा भीख मांगते हुए पकड़ा जाता है तो फिर 10 साल तक उसे हिरासत में रखा जा सकता है. इतना ही नहीं, भीख मांगने पर पुलिस बिना किसी वारंट के भी गिरफ्तार कर सकती है. 

इसी तरह उत्तर प्रदेश में भी 1975 से कानून है. ये कानून निजी जगहों पर भीख मांगने को अपराध मानता है. प्राइवेट प्लेस में भीख मांगने वाले व्यक्ति को पुलिस बिना किसी वारंट के गिरफ्तार कर सकती है. हालांकि, इसमें पेंच ये है कि अगर कोर्ट को लगता है कि व्यक्ति भीख नहीं मांग रहा था तो उसे छोड़ दिया जाता है, लेकिन अगर ये पाया जाता है कि वो भीख मांग रहा था तो उसे फिर सजा सुनाई जाती है.

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भीख मांगने को देश में अपराध माना जाता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर- AFP)
भीख मांगने को देश में अपराध माना जाता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर- AFP)

रेलवे स्टेशन पर भी भीख मांगना अपराध

रेलवे एक्ट के तहत रेलवे स्टेशन पर भी भीख मांगना अपराध है. रेलवे एक्ट की धारा 144 के तहत, रेलवे स्टेशनों या प्लेटफॉर्मों पर भीख मांगना अपराध है. 

इस धारा के तहत ऐसा करने पर दोषी पाए जाने पर एक साल तक की कैद या दो हजार रुपये जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है. 

बच्चों से भीख मंगवाना बड़ा अपराध

भारत में बच्चों से भीख मंगवाना बड़ा अपराध है और ऐसा करने पर तीन साल तक की जेल हो सकती है. जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत बच्चों या किशोरों से भीख मंगवाना या ऐसा करने के मकसद से काम पर रखना अपराध है.

इस कानून में प्रावधान है कि अगर कोई व्यक्ति बच्चों या किशोरों से भीख मंगवाता है या ऐसा करने के मकसद से उसे काम पर रखता है तो दोषी पाए जाने पर उसे तीन साल तक की कैद हो सकती है. साथ ही उसपर जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

 

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