पश्चिम बंगाल में सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच टकराव जारी है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि हम बीए कमेटी की बैठक में नहीं गए. हमने पहले भी देखा है कि विपक्ष उन विषयों को सदन के टेबल पर लाता है जो जरूरी होते हैं. लेकिन हमें ऐसा नहीं करने दिया गया.
बंगाल के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायकों ने विधानसभा में बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (Business Advisory Committee) की बैठक का बहिष्कार किया. बीजेपी विधानसभा में चुनाव के बाद की हिंसा और फर्जी वैक्सीनेशन के मुद्दे को सदन में उठाना चाहती थी लेकिन विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने इसे खारिज कर दिया. जिसके विरोध में बीजेपी ने बीए कमेटी की बैठक का बहिष्कार कर दिया.
बीए कमेटी की बैठक में नहीं जाने के बाद बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि हमने बीए कमेटी की बैठक में हिस्सा नहीं लिया. अतीत में हमने देखा है कि विपक्ष उन विषयों को टेबल पर लाता है जो उसे चिंतित करती है. उन्होंने कहा कि हम पहले भी चुनाव के बाद हुई हिंसा पर एक प्रस्ताव लाए थे तब हमें बताया गया कि पहले दिन समय नहीं था.
हमें मुद्दे उठाने की अनुमति नहीं मिल रहीः शुभेंदु
अधिकारी ने कहा कि आज हम यहां फर्जी वैक्सीनेशन का मामला उठाना चाहते थे और हम सरकार से प्रतिक्रिया चाहते थे, लेकिन हमें अनुमति नहीं मिली.
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भारत सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार और बीजेपी विधायक अशोक लाहिड़ी ने कहा कि मेरी आलोचना भारत के लोगों के लिए है. मुझे खुशी है कि मेरा भाषण बाधित नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि जहां तक मुझे पता है कि 2017 के बाद से सीएजी द्वारा कोई ऑडिट नहीं किया गया है, इसलिए आंकड़ा राज्य का है.
अशोक लाहिड़ी ने कहा कि राज्य द्वारा चलाई जा रही बहुत सी योजनाएं केंद्र द्वारा प्रायोजित हैं. अगर हमें केंद्र की आलोचना करनी है, तो हमें संसद में करनी चाहिए, न की विधानसभा में.
ममता की पार्टी की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी की फोटो पर आपत्ति जताए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि वे तस्वीर का विरोध करते हैं लेकिन अगर हम कोलकाता के बस स्टॉप पर जाते हैं, तो हमें सीएम (ममता बनर्जी) के चेहरे वाला होर्डिंग दिखाई देगा.
उन्होंने कहा कि हमें यह भी पता होना चाहिए कि कौन योजना के पात्र हैं और किसे योजनाओं का लाभ मिल रहा है.
जॉन बारला को नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष पहले ही कह चुके हैं कि बंगाल के विभाजन की बीजेपी की कोई इच्छा नहीं है. यह उनकी निजी टिप्पणी है. ये सारे फैसले प्रधानमंत्री करते हैं.