पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है. बनर्जी ने आज बुधवार को केंद्र सरकार की नई आर्थिक रिफॉर्म पॉलिसी की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यह देश की संपत्ति है मोदी की संपत्ति नहीं है और मोदी इसे नहीं बेच सकते.
केंद्र सरकार पर बरसते हुए ममता ने कहा कि ये भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का मामला नहीं है. हम आश्चर्यचकित हैं और पूरा देश इसके विरोध में खड़ा होगा. ममता ने ये भी कहा कि बीजेपी देश की संपत्ति बेच कर अपना रिजर्व बढ़ा रही है और चुनाव लड़ रही है. ममता बनर्जी ने कहा कि यह देश की संपत्ति है मोदी की संपत्ति नहीं है और मोदी इसे नहीं बेच सकते.
दरअसल, सीएम ममता बनर्जी ईस्ट बंगाल क्लब के मुद्दे पर एक मीटिंग कर रही थीं. इस मीटिंग के बाद ममता बनर्जी ने घोषणा की कि ईस्ट बंगाल क्लब का मुद्दा सुलझ गया है और अब ईस्ट बंगाल इस साल होने वाले आईएसएल में खेल पाएगा. इसी के बाद ममता बनर्जी से जब पत्रकारों ने नई आर्थिक सुधार नीति के बारे में पूछा तो उन्होंने पूरा गुस्सा केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी पर उड़ेल दिया.
राहुल गांधी ने भी साधा निशाना
सिर्फ ममता बनर्जी ही नहीं बल्कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) प्रोग्राम पर नाराजगी जाहिर की. राहुल गांधी ने मोदी सरकार (Narendra Modi Government) पर इस योजना के जरिए देश के सरकारी संसाधानों को बेच डालने का आरोप लगाया.
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राहुल गांधी ने मंगलवार को पीसी में कहा कि 70 साल में जो भी देश की पूंजी बनी, मोदी सरकार ने उसे बेचने का काम किया है. उन्होंने कहा कि रेलवे को निजी हाथों में बेच दिया जा रहा है. पीएम सब कुछ बेच रहे हैं.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी के नारे का जिक्र करते हुए कहा कि बीजेपी का नारा था कि 70 साल में कुछ नहीं हुआ. कल वित्त मंत्री ने देश में जो भी 70 वर्षों में बना, उसे बेच दिया. देश के युवाओं से केंद्र ने रोजगार छीना, कोरोना में मदद नहीं की, किसानों के लिए तीन कृषक कानून बनाए. राहुल ने कृषि कानूनों पर भी केंद्र को घेरा.
क्या है नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन योजना?
केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे रूट, स्टेडियम, वेयरहाउस, पावर ग्रिड पाइपलाइन जैसी सरकारी संपत्तियों को अब कमाई के लिए निजी क्षेत्र को लीज पर देकर 6 लाख करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में जुटी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) प्रोग्राम की शुरुआत की थी.
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा था कि इन संपत्तियों का स्वामित्व सरकार के पास ही रहेगा, बस इन्हें कमाने के लिए ही पार्टियों को दिया जाएगा. कुछ साल के बाद ये प्राइवेट कंपनियां इसे सरकार को वापस कर देंगी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विपक्षी दल के नेता केंद्र सरकार के इस फैसले का व्यापक स्तर पर विरोध कर रहे हैं.