कोयला के अवैध खनन मामले की सीबीआई की जांच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी, उनकी पत्नी और उनकी साली तक पहुंची तो इसकी गूंज सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गई है. कोयला खनन घोटाले के मुख्य अभियुक्त अनूप माझी की अपील पर राज्य सरकार की दलील ये है कि सीबीआई को तो राज्य के इस मामले की जांच का अधिकार ही नहीं है.
पश्चिम बंगाल सरकार, अवैध कोयला खनन की सीबीआई द्वारा की जा रही जांच पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. कोर्ट में हलफनामा देकर राज्य सरकार ने कहा है कि इस मामले में सीबीआई की जांच उचित नहीं है. क्योंकि राज्य सरकार ने इसके लिए अपनी मंजूरी दो साल पहले ही वापस ले ली थी. लेकिन सीबीआई अब तक जांच कर रही है.
सुप्रीम कोर्ट इस अपील पर सुनवाई करने को तैयार हो गया है. जस्टिस धनंजय चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ इस मामले में आगे सुनवाई करेगी. पीठ इस वैधानिक मुद्दे पर सुनवाई करने को राजी तो हो गई है लेकिन कोर्ट ने सीबीआई की ओर से दर्ज एफआईआर में मुख्य अभियुक्त कारोबारी अनूप माझी को सीबीआई के हाथों गिरफ्तारी या दंडात्मक कार्रवाई से बचाने का आदेश देने से इनकार कर दिया.
कोर्ट ने अनूप माझी की अपील पर सीबीआई को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है और सुनवाई पहली मार्च तक मुल्तवी कर दी है. दरअसल सीबीआई की ओर से दर्ज मुकदमे में राज्य में कोयले के अवैध खनन और उसकी ढुलाई में कई गड़बड़िया मिलीं हैं. इसमें ईस्टर्न कोलफील्ड, पूर्व रेलवे, सीआईएसएफ और माझी सहित कई लोगों, कम्पनियों और संस्थानों की साठगांठ पाई गई है.
सीबीआई ने इसकी पड़ताल कर, पिछले साल नवंबर में एफआईआर दर्ज की थी. इसी सिलसिले में सीबीआई, माझी से होती हुई ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा और उनकी बहन तक पहुंच गई. सीबीआई को जांच में इनके बैंक खाते में बड़ी और अघोषित रकम की जमा निकासी के दस्तावेज मिले हैं. राज्य में विधानसभा चुनाव भी सिर पर हैं और सत्तारूढ़ दल पर सीबीआई जांच और छापों का दाग भी लग रहा है.