बंगाल इमाम एसोसिएशन ने फुरफुरा शरीफ में हुई हिंसा की आलोचना की है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भविष्य में परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है. बंगाल इमाम एसोसिएशन के चेयरमैन एमडी याहिया ने कहा, ' जो घटना फुरफुरा शरीफ में हुई है और सुना है कि पीर इब्राहिम सिद्दीकी पर भी हमला किया गया है और उनके माथे पर चोट लगी है. अगर ऐसा हुआ है तो पूरी घटना गुस्से का विषय है. बंगाल इमाम एसोसिएशन इस घटना की निंदा कर रहा है और ऐसे समय में जब I.N.D.I.A बीजेपी के खिलाफ मजबूत स्थिति बनाने की कोशिश कर रही है, राज्य सरकार द्वारा फुरफुरा शरीफ को संभालने की प्रक्रिया चिंताजनक है. हमें चिंता है कि निकट भविष्य में एक खतरनाक राजनीति सामने आ सकती है. बंगाली मुसलमानों ने इसके खिलाफ प्रतिक्रिया व्यक्त की है और निकट भविष्य में एक खतरनाक मामले पर राजनीति सामने आ रही है.
उन्होंने कहा, 'मैं ममता बनर्जी से अनुरोध करता हूं कि वह इस मामले को अधिक कुशलतापूर्वक और सहानुभूतिपूर्वक संभाल सकती थीं, या उनकी जानकारी के अभाव में कुछ पुलिस अधिकारी उनकी सरकार की छवि खराब करने के लिए इस तरह से मामले को संभाल रहे हैं. हम इस मामले की निंदा कर रहे हैं और यह स्वीकार्य नहीं है. हम सरकार से स्थिति को अधिक सहानुभूति और जिम्मेदारी के साथ संभालने की अपील करते हैं.'
मालूम हो कि हुगली जिले के फुरफुरा शरीफ में इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई. पंचायत में बोर्ड गठन को लेकर घमासान शुरू हो गया.
इलाके से बमबारी और ईंट-पत्थर चलने की खबरें सामने आईं. झड़प में सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) के घायल होने की खबर है. भीड़ को तितर-बितर करने और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े. फुरफुरा की 29 पंचायत सीटों में से 24 पर तृणमूल को जीत मिली है. जबकि सीपीआई (एम) और आईएसएफ के गठबंधन को पांच सीटें मिलीं.