पश्चिम बंगाल में वामदल के युवा नेता मैदुल इस्लाम की मौत के बाद टीएमसी और लेफ्ट पार्टियां आमने- सामने आ गई हैं. 12 फरवरी को सचिवालय ‘नबान्न’ घेराव के दौरान पुलिस की लाठीचार्ज के दौरान मैदुल घायल हो गए थे. सोमवार यानी 15 फरवरी को मैदुल की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. सीपीआईएम का कहना है कि मैदुल की मौत पुलिसिया कार्रवाई के चलते हुई है.
मैदुल बांकुड़ा के रहने वाले थे. लेफ्ट ने मैदुल की मौत के लिए कहा कि पुलिस की लाठीचार्ज के चलते उनकी मौत हुई है. लेफ्ट के नेता डॉ. फाउद हालिम का कहना है कि मैदुल के शरीर पर घायल होने के निशाना हैं, उनकी किडनी डैमेज हो गई थी और उनके फेफड़ों में भी पानी भर गया था. लेफ्ट ने इस घटना की निंदा की है.
वहीं, टीएमसी नेता और राज्य के मंत्री सोवन देब चटर्जी ने कहा कि मौत दुखदायक होती है लेकिन एक चीज साफ है कि सीपीआईएम के लोग सक्रिय थे और पुलिस पर पथराव कर रहे थे. सीपीएम पुलिस को उकसाना चाहती थी जिससे की पुलिस उन्हें पीटे. हम किसी भी प्रदर्शन में किसी की मौत का समर्थन नहीं करते हैं लेकिन आपको यह समझना चाहिए कि यह घटना पुलिस को उकसाने के बाद हुई है.
(प्रेमा राजाराम/सूर्याग्नि रॉय की रिपोर्ट)
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