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नारदा: मुकुल रॉय और शुभेंदु पर एक्शन क्यों नहीं? TMC का सवाल, बीजेपी का पलटवार

नारदा स्टिंग के मामले में सोमवार सुबह सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं पर एक्शन लिया, तो पार्टी आग-बबूला हो गई. अब टीएमसी ने बीजेपी पर बदले की कार्रवाई का आरोप लगाया है.

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TMC नेताओं पर सीबीआई के एक्शन से बढ़ा बवाल
TMC नेताओं पर सीबीआई के एक्शन से बढ़ा बवाल
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नारदा स्कैम को लेकर सीबीआई का एक्शन
  • छापेमारी को लेकर बीजेपी-टीएमसी आमने-सामने

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद नारदा घोटाले का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है. सोमवार सुबह नारदा घोटाले को लेकर सीबीआई की टीम ने बंगाल सरकार के दो मंत्रियों और एक विधायक के घर छापेमारी की, जिसके बाद उन्हें अपने साथ ले आई. सीबीआई के इस एक्शन के विरोध में खुद बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी CBI दफ्तर पहुंच गईं. 

अब टीएमसी और बीजेपी में बयानबाजी शुरू हो गई है, टीएमसी ने पूछा है कि सिर्फ टीएमसी के नेताओं पर ही कार्रवाई क्यों हो रही है, बीजेपी में गए मुकुल रॉय या शुभेंदु अधिकारी पर कोई एक्शन क्यों नहीं हो रहा है.

तृणमूल कांग्रेस की नेता डोला सेन ने इस पूरे एक्शन को बदले की कार्रवाई बताया. डोला सेन ने कहा कि सीबीआई ने बिना स्पीकर की परमिशन के विधायक, मंत्री को गिरफ्तार किया है, कोई भी कानून नहीं मान रहा है. प्रधानमंत्री, गृह मंत्री की बंगाल में हार हुई है, इसलिए अब ये बंगाल में बदले की कार्रवाई कर रहे हैं.
 

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शुभेंदु अधिकारी, मुकुल रॉय पर एक्शन क्यों नहीं?
बता दें कि नारदा स्टिंग का मामला साल 2016 का है, इस मामले में तब टीएमसी के कई नेताओं का नाम सामने आया था. कुछ नेता ऐसे भी हैं, जो अब टीएमसी को छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए हैं. यही कारण है कि तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि चुनाव में हार के बाद बीजेपी बदला ले रही है, बीजेपी के नेताओं पर एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा है. 

टीएमसी के इन आरोपों पर बीजेपी के बाबुल सुप्रियो ने जवाब भी दिया, उन्होंने कहा कि जो भी एक्शन लिया जा रहा है कोर्ट के आदेश पर लिया जा रहा है, ऐसे में हम किसी को अपनी मर्ज़ी से गिरफ्तार नहीं कर सकते हैं. 

जब शुभेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय पर एक्शन का सवाल हुआ तो बाबुल सुप्रियो ने कहा कि जो भी हो रहा है अदालत के कहने पर हो रहा है, अगर अदालत चाहे तो किसी से भी पूछताछ हो सकती है. सीबीआई के एक्शन के बाद छिड़ी नई तकरार से साफ है कि बंगाल में चुनावी वक्त में जो जंग शुरू हुई थी, वह अब सरकार के गठन के बाद भी जारी है. 

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पिछले विधानसभा चुनाव का है मामला
आपको बता दें कि नारदा स्टिंग को साल 2014 में किया गया था, हालांकि इन्हें पब्लिक साल 2016 में किया गया था. तब इस स्टिंग में टीएमसी के कई विधायक, मंत्री और सांसदों का नाम सामने आया था. जिनपर आज एक्शन हुआ है, फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा फिर से टीएमसी के विधायक के तौर पर चुने गए हैं और मंत्री भी हैं. जबकि कई सांसद, विधायक बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. 

 

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