पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव में कुछ ही दिन बचे रह गए हैं, लेकिन हिंसा की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. शनिवार देर रात दक्षिण 24 परगना में पंचायत चुनाव को लेकर ही एक टीएमसी कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई. वह फायरिंग के बाद बसंती इलाके फुल मलंचा गांव के पास गंभीर अवस्था में पाया गया था.
जानकारी के मुताबिक, मृतक की पहचान जियारुल मोल्ला (42) के रूप में हुई है. वह बसंती थाना क्षेत्र के फुल मलंचा गांव में एक सड़क के किनारे गोली से घायल अवस्था में पड़ा हुआ पाया गया. इसी हालत में उठाकर उसे कैनिंग सब-डिवीजन अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. परिवार का दावा है कि जियारुल युवा तृणमूल कांग्रेस का सदस्य था, यही वजह है कि उसे अक्सर धमकी दी जाती थी. उनका दावा है कि राजनीतिक दुश्मनी के चलते जियारुल की हत्या की गई है.
एसडीपीओ दीपांकर दास ने कहा कि शनिवार रात करीब 10 बजे जियारुल मोल्ला नाम के शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी गई. हमने उसे उठाकर नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसमें मामले में आगे की जांच की जाएगी.
मुर्शिदाबाद में कांग्रेस कार्यकर्ता की हत्या
जब राज्य चुनाव आयोग ने पंचायत चुनावों की घोषणा की, उसके अगले ही दिन यानी 9 जून को मुर्शिदाबाद में कांग्रेस कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई. कांग्रेस कार्यकर्ता का नाम फूलचांद शेख था. वह केरल में माइग्रेंट मजदूर था और 10 दिन पहले ही अपने गांव आया था. शाम के वक्त फूलचांद अपने दो दोस्तों के साथ ताश के पत्ते खेल रहा था. इस दौरान अज्ञात हमलावारों ने उस पर फायरिंग कर दी, जिसमें फूलचांद की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि दो कांग्रेस कार्यकर्ता घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया.
कूचबिहार में टीएमसी कार्यकर्ता को गोली मारी
इस घटना के बाद कूचबिहार में भी टीएमसी कार्यकर्ता गोली मारी गई. इस हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गया. बताया जा रहा है कि पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के दौरान टीएमसी कार्यकर्ताओं के दो गुटों में झड़प हो गई थी. इस दौरान चली गोली लिपटन हक नाम का कार्यकर्ता को लग गई.
दक्षिण 24 परगना में टीएमसी के दो गुट भिड़े
साउथ 24 परगना के कैनिंग में टीएमसी के दो गुट नामांकन को लेकर भिड़ गए. ब्लॉक अध्यक्ष सैबल लाहिड़ी के नेतृत्व में टीएमसी कार्यकर्ताओं ने कैनिंग बस स्टैंड के पास सड़क जाम कर दिया. उनका आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस के दूसरे गुट ने उन्हें तब रोका जब वे कैनिंग में बीडीओ कार्यालय में नामांकन दाखिल करने जा रहे थे. दूसरा गुट टीएमसी विधायक परेश राम का करीबी माना जाता है.
इससे पहले दक्षिण 24 परगना के भांगर इलाके में इंडियन सेक्युलर फ्रंट और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई थी.आईएसएफ की ओर से आरोप लगाया गया कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने उनके उम्मीदवारों को नामांकन करने से रोक दिया था.
8 जुलाई को होंगे पंचायत चुनाव
बता दें कि बंगाल में 8 जून को पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान हुआ था. इसके बाद से ही राज्य में हिंसक घटनाएं तेजी से बढ़ने से लगीं. अगली आठ जुलाई को ही पंचायत चुनाव होने हैं और 11 जुलाई को चुनाव के नतीजे आएंगे, लेकिन चुनाव से पहले हिंसा पर राज्यपाल, कोलकाता हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक ने अपनी चिंता जताई है.