राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने वक्फ संशोधन बिल से लेकर औरंगजेब और परिसीमन के मुद्दे पर बयान दिया है. होसबोले ने औरंगजेब विवाद पर दो टूक कहा, हमें यह सोचना होगा कि बाहर से आने वालों को आदर्श बनाना है या स्थानीय को सम्मान देना है. वक्फ बिल पर उन्होंने कहा, वक्फ पर क्या होगा? सरकार क्या करेगी... उसे देखेंगे. सरकार सही दिशा में काम कर रही है.
औरगंजेब के मुद्दे पर दत्तात्रेय होसबोले ने कहा, समाज कोई भी विषय उठा सकता है. औरंगजेब मार्ग को अब्दुल कलाम रोड किया. जो लोग गंगा जमुनी तहजीब की बात करते हैं, उन्होंने औरंगजेब को आइकॉन बनाया, उनके भाई के बारे में कुछ नहीं बोलते हैं. बाहर से आने वाले किसी व्यक्ति को आदर्श बनाना है या यहां के लोगों का सम्मान करना है- ये मसला है. स्थानीय इंवेडर के साथ रहने वाली मानसिकता के बारे में सोचना होगा.
परिसीमन पर क्या बोले होसबोले?
परिसीमन पर आरएसएस के जनरल सेक्रेटरी दत्तात्रेय होसबोले ने कहा, जनगणना तो शुरू होने दीजिए. डिलिमिटेशन भी होने दीजिए, उसके बाद हम देखेंगे. अगर संघ का कोई व्यक्ति या कार्यकर्ता मैरिट के आधार पर राजनेता नियुक्त होता है तो उसमें कुछ गलत नहीं है. संघ की इसमें कोई भूमिका नहीं है.
उन्होंने कहा, प्रचारक देना या नहीं देना... ये सिर्फ बीजेपी के लिए नहीं हैं और भी संगठन हैं वो भी मांगेंगे तो उनको भी देंगे. बीजेपी के अलावा और भी 35 संगठन हैं उनके बारे में भी पूछ लिया करें. वो हमसे प्रचारक मांगते हैं और हमारे पास प्रचारक उपलब्ध होंगे तो जरूर देंगे. सभी संगठन अपने संविधान के अनुसार स्वतंत्र हैं. अपने संगठन के चुनाव के लिए वो कोई लिस्ट देंगे, ऐसी हमारी कोई अपेक्षा भी नहीं है.
राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर उन्होंने कहा, हमारी कोई भूमिका या हस्तक्षेप नहीं है. ये उनका काम है वो करेंगे. जहां तक प्रचारक भेजने का सवाल है ऐसा कोई नियम नहीं है. अगर वो मांगेंगे तो विचार करेंगे. हम सिर्फ BJP के लिए प्रचारक भेजने का काम नहीं करते हैं, कई और संगठन है जो प्रचारक मांगते हैं और हम भेजते हैं, अगर उन्हें जरूरत होगी तो वो मागेंगे और हम तब देखेंगे.
अवैध प्रवासी के मसले पर RSS का रुख साफ है. हर प्रतिनिधि सभा में इसका जिक्र हो- ये जरूरी नहीं है. सरकार इसको रोकने के लिए हरसंभव कदम उठाए- ये बात हम लगातार कह रहे हैं.
उन्होंने कहा, धर्मनिरपेक्षता के नाम पर पूर्व में इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई. अब आत्मविश्वास के साथ हिन्दू समाज का उद्भव हो रहा है.
'जातिगत आरक्षण देती हैं सरकारें'
होसबोले ने आगे कहा, जातिगत आरक्षण सभी राज्य सरकार देती हैं, पर धर्म पर आधारित रिजर्वेशन के पक्ष में डॉ. अंबेडकर भी नहीं थे. अंतरराष्ट्रीय मसलों पर देश अच्छा काम कर रहा है. हम रोज सरकार के काम का आकलन नहीं करते हैं, चुनाव के समय जनता आकलन करती है.
उन्होंने कहा, अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में 1443 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. नॉर्थ ईस्ट से लेकर कन्याकुमारी और जम्मू कश्मीर से कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. पिछले एक साल के कार्यकाल की समीक्षा की गई. विजयदशमी के दिन 100 साल पूरे हो जाएंगे. संघ के विस्तार और कार्यकुशलता पर फोकस किया जाएगा. RSS ने कभी भी वर्षगांठ नहीं मनाई, लेकिन 100 साल आत्मचिंतन का समय है.
दत्तात्रेया होसबोले ने कहा, हमारा काम समाज तक पहुंचे, इसकी जरूरत है. आगे का रोडमैप राष्ट्र निर्माण के मद्देनजर कैसा होना चाहिए, इस पर मंथन हुआ. इस प्रतिनिधि सभा में एक संकल्प पारित किया गया है. 100 साल के अवसर पर विश्व शांति और समृद्धि के लिए समरस और संगठित हिन्दू समाज के निर्माण के लिए संकल्प लिया गया.