बेंगलुरु के निकट पटाखा दुकान में आग लगने से मरने वाले 14 लोगों में से अधिकतर गरीब छात्र थे जो अपनी शिक्षा का खर्च उठाने के लिए छुट्टियों के दौरान काम करते थे. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मृतकों में से छह बारहवीं कक्षा और स्नातक के छात्र थे. शनिवार को हुई इस त्रासदी के सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने रविवार को कहा कि बेंगलुरु शहरी जिले के सीमावर्ती शहर अट्टीबेले में पटाखा गोदाम और दुकान में आग लगने की घटना में मरने वालों में ज्यादातर छात्र थे. उन्होंने कहा कि पीड़ित पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के धर्मपुरी और कृष्णागिरी जिलों के रहने वाले थे.
मुख्यमंत्री ने घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद कहा, 'मरने वालों में ज्यादातर छात्र थे जो अपनी पढ़ाई के लिए पैसे कमाने के लिए छुट्टियों के दौरान काम करते थे. प्रबंधक को छोड़कर कोई भी स्थायी कर्मचारी नहीं था.' उन्होंने शोक संतप्त परिवार के सदस्यों से भी मुलाकात की और दुख व्यक्त किया. सूत्रों ने कहा कि युवा लड़के बहुत गरीब पृष्ठभूमि से आते थे, जो अपनी शिक्षा और अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए छुट्टियों में काम करते थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि अग्निकांड में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.
सिद्धारमैया ने कहा, 'यह एक बड़ी त्रासदी है, जहां 14 लोगों की जान चली गई. हम इसकी जांच कराएंगे और दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करेंगे. शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति मेरी संवेदनाएं और दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं.' मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पताल में इलाज करा रहे तीन घायलों का इलाज का खर्च सरकार उठाएगी. उन्होंने कहा कि घटना की सीआईडी जांच के आदेश दे दिये गये हैं.
सिद्धारमैया ने कहा, 'कल, दोपहर करीब 3 बजे तमिलनाडु से पटाखों से भरा एक ट्रक आया. यह अभी भी पता नहीं चला है कि पटाखों में आग कैसे लगी. अधिकारियों की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि पर्याप्त एहतियाती उपायों का पालन नहीं किया गया था.' मुख्यमंत्री ने कहा कि कहीं भी अग्नि सुरक्षा उपकरण तैनात नहीं किए गए थे, लाइसेंस धारक की लापरवाही बहुत स्पष्ट है.