केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का धरना जारी है. 300 दिन से ज्यादा हो गए, किसान दिल्ली की सीमा पर घेरा डाले बैठे हैं. किसानों और सरकार के बीच गतिरोध खत्म करने को लेकर पिछले आठ महीने से कोई बातचीत भी नहीं हुई है. इन सबके बीच कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने 27 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया है.
दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी ने संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से बुलाए गए भारत बंद के समर्थन का पहले ही ऐलान कर दिया था. अब दिल्ली कांग्रेस और उत्तर प्रदेश के विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) ने भी संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद का समर्थन करने का ऐलान कर दिया है. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि हम किसानों की ओर से बुलाए गए शांतिपूर्ण भारत बंद का समर्थन करेंगे.
उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार की ओर से पारित तीन किसान विरोधी कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसान करीब 300 दिन से दिल्ली की सीमा पर धरने पर बैठे हैं. इस धरने के दौरान 600 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है लेकिन मोदी सरकार ने किसानों के साथ इस मामले पर चर्चा करने की जहमत नहीं उठाई और ना ही किसानों की दुर्दशा पर दया की.
दिल्ली कांग्रेस के प्रवक्ता चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि हमें किसानों के अधिकार पर विश्वास करते हैं और कृषि कानूनों के खिलाफ उनकी लड़ाई में साथ खड़े रहेंगे. अनिल कुमार ने कहा कि वे खुद गाजीपुर बॉर्डर पर कांग्रेस के कार्यक्रताओं और नेताओं के साथ किसानों के समर्थन में शामिल होंगे. वहीं, समाजवादी पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर आंदोलन कर रहे किसानों की ओर से 27 सितंबर को बुलाए गए भारत बंद के समर्थन का ऐलान किया है.
सपा की ओर से ट्वीट कर कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार के काले कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलित किसानों की ओर से कल बुलाए गए भारत बंद का पार्टी पूरा समर्थन करती है. सपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में ये भी मांग की गई है कि सरकार किसान विरोधी कानूनों को वापस ले.