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दिल्ली-NCR में ट्रैफिक जाम तो कई जगह ट्रेन सेवाओं पर असर, कितना सफल हुआ किसानों का 'भारत बंद'?

केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ बुलाया गया दस घंटों का भारत बंद का मिला-जुला असर देखने को मिला. उत्तर भारत में कई ट्रेनों पर असर पड़ा तो नागपुर में जबरन दुकानें बंद करवाई गईं. दिल्ली-एनसीआर में भारत बंद चक्का जाम तक सीमित रहा.

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भारत बंद का मिला-जुला दिखा असर
भारत बंद का मिला-जुला दिखा असर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारत बंद का दिखा मिला-जुला असर
  • पंजाब में कई जगह ट्रेन सेवाओं पर असर
  • राकेश टिकैत बोले- सफल रहा भारत बंद

केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ बुलाया गया दस घंटों का भारत बंद का मिला-जुला असर देखने को मिला. उत्तर भारत में कई ट्रेनों पर असर पड़ा तो नागपुर में जबरन दुकानें बंद करवाई गईं. दिल्ली-एनसीआर में भारत बंद ट्रैफिक जाम तक सीमित रहा तो वहीं, दिल्ली और उसके आसपास की लगती सीमाओं पर भीषण जाम जैसी स्थिति से लोगों को दो-चार होना पना. भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने भारत बंद के सफल होने का दावा किया है.

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भारत बंद को राकेश टिकैत ने बताया सफल
भारतीय किसान यूनियन ने कहा कि इस आंदोलन को राज्यों का आंदोलन बताने वाले लोगों के मुंह पर आज का भारत बंद तमाचा है. प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी पर कानून बनाने तक यह आंदोलन पूरी तरह से जारी रहेगा. भारत बंद को किसानों के साथ साथ मजदूर व्यापारियों, कर्मचारियों, ट्रेड यूनियन का भी सहयोग मिला. उन्होंने कहा, ''हमारा भारत बंद सफल रहा है. हमें किसानों का पूरी तरह से समर्थन मिला. हम सबकुछ सील नहीं कर सकते, क्योंकि हमें लोगों की आवाजाही भी बनाए रखनी है और हम सरकार से बातचीत के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, लेकिन कोई वार्ता नहीं हो रही है.'' संयुक्त किसान मोर्चा ने कृषि कानूनों के विरोध में भारत बंद का आह्रवान किया था, जिसे विपक्षी दलों का समर्थन मिला. कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, बीएसपी, सपा, टीडीपी आदि ने भारत बंद का समर्थन किया था.

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पंजाब में रोकी गईं ट्रेनें, ट्रैक पर बैठे प्रदर्शनकारी
'भारत बंद' का असर पंजाब और हरियाणा में दिखाई दिया. दोनों राज्यों में कई स्थानों पर किसानों ने राजमार्गों, सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और रेलवे ट्रैक पर बैठ गए, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ.पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने कहा कि वह तीन विवादास्पद कानूनों के खिलाफ किसान यूनियनों के 'भारत बंद' के आह्वान के साथ खड़ी है. पंजाब में बंद के दौरान परिवहन सेवाओं को भी निलंबित कर दिया. ज्यादातर दुकानें और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी बंद रहे. जालंधर में कुछ किसानों ने रेलवे स्टेशन के पास दो ट्रेनों को रोक दिया. इसके चलते ट्रेन के यात्री काफी परेशान हुए. हालांकि, यात्रियों ने कहा कि सरकार को किसानों से आंदोलन के मुद्दे पर बात करनी चाहिए.

दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर पर भीषण जाम
'भारत बंद' की वजह से दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर पर सोमवार सुबह भीषण जाम जैसी स्थिति देखी गई. कई घंटे तक गाड़ियां जाम में फंसी रहीं. सोमवार को ऑफिस होने के चलते और भारत बंद की वजह से यह जाम समय के साथ और बढ़ता चला गया. सिर्फ दिल्ली-गुरुग्राम ही नहीं, बल्कि दिल्ली-नोएडा-दिल्ली एक्सप्रेस-वे पर भी लंबा जाम लगा. सुबह से ही डीएनडी पर गाड़ियों की कतार लगी रहीं. वहीं, दिल्ली-अमृतसर हाइवे, दिल्ली-अंबाला, दिल्ली-चंडीगढ़ के रास्तों पर किसानों ने सड़क पर ही जाम लगा दिया. दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर, एन-एच 9, एन-एच 24 पर भी भीषण जाम की स्थिति का सामना करना पड़ा. वहीं, भारत बंद खत्म होने के बाद पुलिस ने कई बंद की गईं सड़कों पर से बैरिअर्स हटा दिए और उन्हें फिर से खोल दिया.

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बिहार में क्या रही भारत बंद की स्थिति?
बिहार में भी भारत बंद का मिला-जुला असर देखने को मिला. किसानों के इस आंदोलन को आरजेडी समेत पूरे महागठबंधन की ओर से समर्थन हासिल था. दो दिन पहले ही तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन के सभी नेताओं की पटना में बैठक हुई थी जहां पर सभी नेताओं ने किसानों के हक में आवाज बुलंद की और भारत बंद को समर्थन का ऐलान किया. पटना में सुबह से ही आरजेडी ने बंद को सफल बनाने के लिए जगह-जगह पर हिंसा और तोड़फोड़ का सहारा लिया. पटना के डाकबंगला चौराहे पर दिन के वक्त आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के नेतृत्व में कई अन्य नेता जैसे श्याम रजक, अब्दुल बारी सिद्दीकी, आलोक मेहता, भोला यादव और मृत्युंजय तिवारी जुटे.

हरियाणा में रेलवे ट्रेक पर बैठे प्रदर्शनकारी
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किए गए भारत बंद के दौरान हरियाणा के यमुनानगर में अच्छा-खासा असर दिखाई दिया. किसानों द्वारा यमुनानगर अंबाला हाईवे पर स्थित टोल प्लाजा पर धरना दिया. सुढ़ैल गांव के पास रेलवे ट्रैक पर किसानों द्वारा दो ट्रेनों को रोक कर अपना विरोध दर्ज करवाया. इसके बाद किसान रेलवे ट्रैक पर ही डट गए और जमकर सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे.धरना प्रदर्शन के दौरान आने जाने वाले वाहनों को दिक्कत ना आए इसके चलते जिला प्रशासन द्वारा लिंक सड़क मार्गों पर डायवर्जन किया गया था. किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए यमुनानगर पुलिस अधीक्षक पुख्ता सुरक्षा बल के साथ खुद मौके पर नजर बनाए हुए थे और समय-समय पर मौके का जायजा ले रहे थे. 

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भोपाल में बेअसर रहा भारत बंद
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भारत बंद बेअसर रहा. हालांकि, यहां पर भी विरोध प्रदर्शन जरूर हुए. भोपाल के करोंद मंडी के गेट पर भारतीय किसान युनियन के प्रदर्शन में दिग्विजय सिंह भी पहुंचे. दिग्विजय सिंह समेत कांग्रेस के तमाम कार्यकर्ता भी हाथों में झंडे लेकर पहुंचे इस दौरान सीपीआई, सीपीएम, एनसीपी और किसान मजदूर यूनियन के नेता भी इस आंदोलन में शामिल हुए. किसान आंदोलन के चलते भोपाल की करोंद कृषि मंडी के चारों तरफ भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. भारत बंद हालांकि भोपाल में बेअसर रहा और सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान खुले रहे. बाजारों में सभी दुकानें खुली थी और सड़कों पर भी यातायात सामान्य रहा.

(इनपुट: परमजीत सिंह)

 

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