संसद में रविवार को हुए बवाल के बीच कृषि संबंधित दोनों बिल पास हो गए हैं. विपक्ष ने सदन में जोरदार हंगामा किया, इस दौरान उपसभापति हरिवंश के साथ बदसलूकी करने का भी आरोप लगा. अब रविवार को सदन की कार्यवाही के दौरान हंगामा करने वाले सांसदों पर एक्शन लेने की मांग हो रही है.
भारतीय जनता पार्टी के सांसदों ने उन विपक्षी सांसदों के खिलाफ एक्शन की मांग की है, जिन्होंने रविवार को संसद में हंगामा किया. इस दौरान उपसभापति की चेयर पर पर्चे फाड़े गए, माइक को तोड़ा गया, रूल बुक को फाड़ने का आरोप लगा और साथ ही राज्यसभा स्टाफ की टेबल पर चढ़कर लोगों ने हंगामा किया.
सांसदों ने इस बाबत अब राज्यसभा चेयरमैन वेंकैया नायडू को चिट्ठी लिखी है, जिसपर उन्होंने आठ सांसदों को निलंबित कर दिया है. सोमवार को सदन में राज्यसभा के सभापति ने कल की घटना पर कहा कि राज्यसभा के लिए सबसे खराब दिन था. कुछ सांसदों ने पेपर को फेंका. माइक को तोड़ दिया. रूल बुक को फेंका गया. इस घटना से मैं बेहद दुखी हूं. उपसभापति को धमकी दी गई. उनपर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई.
आपको बता दें कि विपक्ष की ओर से लगातार किसान बिलों का विरोध किया जा रहा है, इस बीच रविवार को इन्हें राज्यसभा में पेश किया गया. चर्चा खत्म होने के बाद ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया और उपसभापति पर डिविजन ना करने का आरोप लगाया.
इसी दौरान सांसद हंगामा करते हुए राज्यसभा की वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे. तभी टीएमसी के डेरेक ओब्रायन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह समेत अन्य कई सांसदों ने उपसभापति की टेबल के पास जाकर हंगामा किया. इस दौरान चेयर का माइक टूट गया और कागज फाड़ दिए गए.
बचाव में सदन में मार्शल बुलाने पड़े और हाथापाई की नौबत आ गई. विपक्ष की ओर से इसे संसद का काला दिन करार दिया गया, जहां बिना वोटिंग के बिल पास होने का आरोप लगाया. तो वहीं सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए, जिसमें उन्होंने विपक्ष के हंगामे की निंदा की. राजनाथ सिंह समेत मोदी सरकार के आधा दर्जन मंत्रियों ने उपसभापति का बचाव किया.