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Pamban Bridge: देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज इस साल होगा तैयार, जानिए क्या है इसकी खासियत

Indian Railway: देश का पहला वर्टिकल सी ब्रिज इस साल बन कर तैयार हो जाएगा. पुराना पंबन पुल 24 फरवरी, 1914 को शुरू किया गया था. अब 108 साल बाद नई तकनीकों के साथ नए पंबन पुल का निर्माण किया जा रहा है.

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Pamban Bridge
Pamban Bridge
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पुराने पुल के समानंतर नए पांबन पुल को तैयार किया जा रहा
  • मौजूदा पुल से 3.0 मीटर ऊंचा होगा नया पुल

Tamil Nadu, Pamban Bridge: भारतीय रेल को देश की लाइफलाइन कहा जाता है. हर रोज बड़ी संख्या में लोग भारतीय रेल से यात्रा करते हैं. यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए रेलवे समय-समय पर कई बदलाव करता रहता है. रेलवे को और बेहतर बनाने के लिए अलग-अलग कार्य चलते रहते हैं. इसी कड़ी में रेलवे तमिलनाडु में पंबन ब्रिज का निर्माण कर रहा है. 

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पंबन ब्रिज हाइटेक इंजीनियरिंग का नमूना है. सबसे प्रतिष्ठित संरचनाओं में से एक के रूप में माने जाने वाला, पंबन कैंटिलीवर पुल मुख्य रूप से मंडपम शहर को पंबन द्वीप और रामेश्वरम से जोड़ता है.

पुराने पंबन पुल के समानंतर नए पांबन पुल को तैयार किया जा रहा है. नए पुल में 18.3 मीटर के 100 स्पैन और 63 मीटर के एक नेविगेशनल स्पैन होंगे. यह समुद्र तल से 22.0 मीटर की नौवहन वायु निकासी के साथ मौजूदा पुल से 3.0 मीटर ऊंचा होगा. 

इसी साल तैयार हो जाएगा पंबन ब्रिज
न्यूज एजेंसी से बात करते हुए, दक्षिण रेलवे के महाप्रबंधक ने बताया कि पुराना पंबन पुल 24 फरवरी, 1914 को शुरू किया गया था. अब 108 साल बाद समय आ गया है कि नई तकनीकों के साथ आगे बढ़ा जाए. इस पुल के लिए अनुमानित लागत 250 करोड़ रुपये है.  महाप्रबंधक ने कहा कि उनका लक्षय है कि इस पुल का निर्माण इसी साल पूरा हो जाए. 

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मौजूदा पुल से 3.0 मीटर ऊंचा होगा नया पुल
पांबन पुल के डिवीजनल इंजीनियर और इंचार्ज हृदयेश कुमार ने बताया कि पुराने पुल की तुलना में नए पुल में 18.3 मीटर के 100 स्पैन और 63 के एक नेविगेशनल स्पैन होंगे.  यह समुद्र तल से 22.0 मीटर की नौवहन वायु निकासी के साथ मौजूदा पुल से 3.0 मीटर ऊंचा होगा. 

इस पुल की खास बात है कि इसमें वर्टिकल लिफ्ट का सिस्टम है. नए पुल को इस तकनीक से बनाया जाएगा कि उसका एक हिस्सा बीच से लिफ्ट की भांती ऊपर उठ जाए और जहाजों के आने-जाने के लिए रास्ता दे सके. देश के पहले लिफ्ट वाले पुल के बन जाने के बाद समुद्र के बीचोबीच 80 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेन दौड़ेगी. 

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