देश में जल्द लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं. ऐसे में राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों पर दो चरणों में चुनाव होंगे. इनमें भीलवाड़ा को सबसे बड़ी हॉट सीट के तौर पर देखा जा रहा है. भीलवाड़ा लोकसभा सीट से कांग्रेस के डॉ. सीपी जोशी का मुकाबला बीजेपी के दामोदर अग्रवाल से है. अग्रवाल बीजेपी राजस्थान के महासचिव हैं. ये उनका पहला चुनाव होगा.
डॉ. जोशी 2009 से 2014 तक भीलवाड़ा से सांसद रहे हैं. वह मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री भी थे. इस दौरान जोशी को भीलवाड़ा में भीषण जल संकट सुलझाने का श्रेय दिया गया. उन्होंने चंबल नदी के पानी को भीलवाड़ा तक लाकर जल संकट सुलझाने में अहम भूमिका निभाई थी. उनके कार्यकाल के दौरान क्षेत्र में हुए विकास कार्य आगामी चुनाव में उनके लिए सबसे बड़ा प्लस प्वॉइन्ट हैं.
भीलवाड़ा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र राजस्थान के 25 लोकसभा सीटों में से एक है. भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र के तहत भीलवाड़ा जिले की 7 विधानसभा सीटें और बूंदी जिले की एक विधानसभा सीट आती है. इन आठ विधानसभा क्षेत्रों में से छह विधायक बीजेपी, एक कांग्रेस और एक निर्दलीय है.
सीपी जोशी ने कहा कि कांग्रेस ने आजादी के बाद सोमनाथ मंदिर का निर्माण कराया था लेकिन ऐसा किसी अदालत के फैसले की वजह से नहीं हुआ था. लेकिन आज कोर्ट के फैसले की वजह से राम मंदिर का निर्माण हुआ है, सिर्फ मंदिरों के निर्माण से देश की समस्याएं हल नहीं हो सकती.
दूसरी तरफ चुनावी मैदान में हैं, पहली बार चुनाव लड़ रहे दामोदर अग्रवाल. उन्होंने ब्यावर इलाके में तीन सालों तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रचारक के तौर पर काम किया है.संघ का समर्थन और मोदी फैक्टर को उनका प्लस प्वॉइन्ट माना जा रहा है.
दामोदार अग्रवाल ने कहा कि मैं भीलवाड़ा के विकास के साथ 2047 तक विकसित भारत के विजन के साथ चुनावी मैदान में उतरा हूं.
बता दें कि एक समय फल-फूल रही भीलवाड़ा की टेक्सटाइल इंडस्ट्री को अब बदलाव की दरकार है. एक ऐसा बदलाव जो राज्य सरकारों के उदासीन रवैये को बदल सकता है और केंद्र एवं राज्य के बीच बेहतर समन्वय ला सकता है.
भीलवाड़ा की वजह से लगभग चार दशक पहले राज्य में टेक्सटाइल क्रांति हुई थी. भीलवाड़ा की टेक्सटाइल इंडस्ट्री के तहत मौजूदा समय में एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार दिया है. इस इंडस्ट्री का वार्षिक टर्नओवर 20,000 करोड़ रुपये से अधिक है. जयपुर से लगभग 250 किलोमीटर दूर स्थित भीलवाड़ा की राजस्थान की कुल टेक्सटाइल उत्पादन में हिस्सेदारी 30 फीसदी होने का अनुमान है.