देश में जब तमाम अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं जवाब देती दिख रही हैं. ऑक्सीजन की किल्लत है, बेड नहीं मिल रहे हैं और वेंटिलेटर भी खत्म होते दिख रहे हैं, इस वजह से कई मरीज अपना दम तोड़ रहे हैं. अब इसी बदइंतजामी की वजह से गायक अजय पांडे की जान भी चली गई है. सासाराम सदर अस्पताल में डॉक्टरों की लपरवाही, और वेंटिलेटर ऑक्सीजन के अभाव में भोजपुरी गायक अजय पांडे की मौत हो गई है. उनका जाना पूरी भोजपुरी इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा नुकसान है.
मशहूर भोजपुरी गायक अजय पांडे की कोरोना से मौत
अजय पांडे के निधन से सभी सदमे हैं और अस्पताल प्रशासन पर कई तरह के सवाल उठा रहे हैं. कहा जा रहा है कि अगर समय रहते उन्हें वेंटिलेटर मिल जाता तो शायद उनकी जान को बचाया जा सकता था. इस बारे में आजतक ने जब सिविल सर्जन सुधीर कुमार से बात करनी चाही तो उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया. वहीं जब उनसे दोबारा पूछा गया तो वे बिना जवाब दिए उठकर चले गए. अस्पताल की ये चुप्पी ना सिर्फ उस लापरवाही को जगजाहिर कर रही है, बल्कि लोगों के गुस्से को और ज्यादा बढ़ा रही है.
अस्पताल की लापरवाही पड़ रही भारी
ये पहला मामला नहीं है जहा पर अस्पताल की बदइंतजामी की वजह से किसी मरीज की मौत हो गई हो. कहीं पर ऑक्सीजन की किल्लत लोगों की मौत की वजह बन रही है तो कही समय रहते बेड ना मिलना भी जान पर भारी पड़ रहा है. कहने को तो ये सिर्फ मौंत के कुछ आंकड़े हैं, लेकिन तमाम अस्पतालों की स्वास्थ्य व्यवस्था पर कई तरह के सवाल खड़े कर जाते हैं. दावे जरूर बड़े होते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां करती है.
अंजय पांडे का शानदार करियर
अंजय पांडे की बात करें तो वे भोजपुरी इंडस्ट्री के दिग्गज गायक रहे हैं. कई सालों तक उनके गानों ने लोगों के दिल पर राज किया है. साल 2000 से उनका ऐसा रुतबा रहा है कि हर गाना ना सिर्फ सुपरहिट साबित हुआ बल्कि लंबे समय तक लोगों की जुबान पर भी चढ़ा रहा. हल्फा मचा के गइल, शीशा चमकवेलु उनके ऐसे ही चर्चित गाने हैं जिन्हें अब सदाबहार कहा जाता है.