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किसी की बेटी यूरोप बोलकर अमेरिका गई, किसी ने छुपाई डंकी रूट की बात... डिपोर्ट हुए गुजरात के दो लोगों की कहानी

अमेरिका से भारत वापस भेजे जाने वाले भारतीयों नागरिकों में 33 गुजराती शामिल हैं. इनमें से ज्यादातर लोग उत्तर गुजरात के मेहसाणा जिले के रहने वाले हैं. निकिता के पिता ने बताया कि एक महीने पहले यूरोप के वीजा लेकर 2 सहेलियों के साथ घूमने गई थी. उसके बाद हमारी आखिरी बार बात 14-15 जनवरी को हुई थी.

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ट्रंप प्रशासन का अवैध प्रवासियों पर एक्शन. (फाइल फोटो)
ट्रंप प्रशासन का अवैध प्रवासियों पर एक्शन. (फाइल फोटो)

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका में रह-रहे अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त दिखाते हुए बेदखल करना शुरू कर दिया है. अमेरिका से भारत वापस भेजे गए भारतीयों में 33 गुजराती शामिल हैं. इन ज्यादातर लोग उत्तर गुजरात के मेहसाणा जिले के रहने वाले हैं. अमेरिका से गुजरात डिपोर्ट हुए गुजरात के दो परिवारों ने अपने परिवार के सदस्यों के अमेरिका जानने की भयावह कहानी बताई है. 

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मेहसाणा स्थित विजापुर के दाभला गांव की रहने वाली निकिता भी स्वदेश लौट आई है. जब आजतक ने इस परिवार से संपर्क किया तो लड़की के पिता कनुभाई पटेल ने कहा कि उनकी लड़की यूरोप के टूर पर गई थी, लेकिन वह अमेरिका गई थी, ऐसा परिवार को नहीं बताया. निकिता के अमेरिका से लौटने की खबर से परिवार के लोग परेशान हैं.

'यूरोप का लिया था वीजा'

निकिता के पिता ने बताया कि निकिता एक महीने पहले यूरोप के वीजा लेकर 2 सहेलियों के साथ घूमने गई थी. उसके बाद हमारी आखिरी बार बात 14-15 जनवरी को हुई थी. उसने उस वक्त यूरोप में रहने की ही बात हुई थी, अमेरिका जाने की कोई बात नहीं हुई थी. हमें मीडिया के द्वारा ही जानकारी मिली कि गुजरात के 33 लोग वापस भेजे जा रहे हैं. हाल ही में उसने M.Sc.  की पढ़ाई पूरी की है, लेकिन यहां जॉब नहीं थी. पर वह आगे क्या करने वाली थी, इसके बारे में हमें कोई जानकारी नहीं थी.

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निकिता के पिता ने अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के इस फैसले को गलत बताते हुए कहा कि अमेरिका में गुजरात और पंजाब के काफी लोग रहते हैं. उन्हें वापस नहीं भेजना चाहिए. कई लोग पैसा खर्च करके वहां जाते है तो परिवार को तकलीफ होगी.

वहीं, गांधीनगर जिले के बोरू गांव के गोहिल परिवार के तीन सदस्य भी अमेरिका से भारत लौटे हैं, जिनमें किरण सिंह गोहील उनकी पत्नी मित्तलबेन और बेटा हेयांश शामिल है. ये तीनों लोग एक महीने पहले ही अमेरिका गए थे.

'कैसे गए अमेरिका नहीं है जानकारी'

किरण सिंह की मां ने बताया कि उनका बेटा, बहू और पोता कुछ दिनों पहले अमेरिका गए थे. वह कैसे अमेरिका गए, इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. वहीं, जब किरण की मां को पता चला कि वह वापस भारत आ रहे हैं तो वह भावुक हो गईं और कहा कि अगर वह वापस आ तो अच्छा है, पिछले 15 दिनों से उनसे कोई बात नहीं हो पाई है. उन्होंने अपने बेटे की चिंता हो रही है.

गांवों वालों का कहना है कि उन्होंने किरण के अमेरिका जाने के बारे में जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि उनके परिवार के पास पारिवारिक जमीन है. इसके अलावा उनका बेटा यहां छोटी-मोटी नौकरी करता था.

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अवैध प्रवासियों पर ट्रंप प्रशासन सख्त

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के बाद अमेरिका ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कदम उठाना शुरू कर दिया है. मैक्सिको, भारत, पाकिस्तान, क्यूबा और कई अफ्रीकी देशों से अवैध प्रवासियों को अमेरिका से बेदखल किया जा रहा है. ये लोग उन रास्तों से अमेरिका पहुंचे थे, जिन्हें 'डंकी रूट' कहा जाता है.

वहीं, अमेरिका से अवैध प्रवासियों को बेदखल करने के दौरान की तस्वीरें भी सामने आ रही है जो झकझोर देने वाली हैं. तस्वीरों में अमेरिकी सेना और पुलिस अपराधियों की तरह अवैध प्रवासियों के हाथ-पैर बांधकर भारी-भरकम विमानों से उनके देश भेज रही है. तस्वीरों में किसी के हाथों में जंजीर बंधी है तो कोई कतार में खड़ा है. जबकि कोई प्रवासी भविष्य की अनिश्चितताओं और मायूसी से लटके चेहरों के साथ अपने देश जाने की बारी का इंतजार में हैं.

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