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योगी की राह पर चले नीतीश कुमार, माफियाओं से निपटने के लिए आएगा सख्त कानून

इस नए कानून के लागू होने के बाद भ्रष्टाचार को लेकर सरकार की सख्ती और बढ़ेगी. राज्य के सरकारी महकमों में होने वाली गड़बड़ी के अलावा माफिया राज से निपटने के लिए सरकार नया कानून लाने की तैयारी में है. इस नए कानून के प्रभावी होने के बाद भ्रष्टाचार को गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा और सख्त सजा का प्रावधान होगा.

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार. (फाइल फोटो)
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार. (फाइल फोटो)

बिहार में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद नीतीश कुमार के तेवर भी बदले-बदले नजर आ रहे हैं. राज्य में अपराध, भ्रष्टाचार और माफिया राज से निपटने के लिए अब नई एनडीए सरकार उत्तर प्रदेश की तर्ज पर तैयारी कर रही है. यूपी में गैंगस्टर एक्ट की तर्ज पर अब बिहार में भी अपराध और भ्रष्टाचार के साथ-साथ माफिया राज को खत्म करने के लिए सख्त कानून बनने जा रहा है.

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इस संबंध में नीतीश कैबिनेट की मंगलवार शाम को बैठक हुई. इस बैठक में नए कानून के प्रारूप को मंजूरी दी गई है. अब इसे विधानसभा के मौजूदा सत्र में बिल के रूप में पेश किया जाएगा.

इस नए कानून के लागू होने के बाद भ्रष्टाचार को लेकर सरकार की सख्ती और बढ़ेगी. राज्य के सरकारी महकमों में होने वाली गड़बड़ी के अलावा माफिया राज से निपटने के लिए सरकार नया कानून लाने की तैयारी में है. इस नए कानून के प्रभावी होने के बाद भ्रष्टाचार को गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा और सख्त सजा का प्रावधान होगा.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार शाम हुई कैबिनेट की बैठक में भ्रष्टाचार और माफिया राज पर सख्त एक्शन के लिए लाए जाने वाले कानून के प्रारूप को मंजूरी दी गई. इसमें सरकारी धनराशि में गड़बड़ी करने वालों के लिए सख्त सजा का प्रावधान है. इसके साथ ही कानून के जरिए जमीन माफिया, बालू माफिया और शराब माफिया पर भी कड़ा एक्शन होगा.

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बिहार में लागू होने वाले इस नए कानून को यूपी के गैंगस्टर एक्ट जैसा ही माना जा रहा है. अब तक भ्रष्टाचार और सिंडिकेट माफिया से जुड़े जिन मामलों को अपराध की गंभीर श्रेणी में नहीं रखा जाता था. उन मामलों को अब गंभीर मानते हुए उस पर सख्त सजा का प्रावधान भी किया जाएगा।.

जानकारी के मुताबिक, भ्रष्टाचार पर अंकुश के लिए बनाया गया कानून पहले के कानून के मुकाबले और सख्त होगा. राज्य में पहले से भ्रष्टाचार से निपटने के लिए तीन-तीन एजेंसियां काम कर रही हैं. इनमें आर्थिक अपराध इकाई, निगरानी ब्यूरो और विशेष निगरानी इकाई है. इन तीनों एजेंसियों की शक्तियां और बढ़ाई जा सकती है. साथ ही नई जांच एजेंसी की परिकल्पना भी नए कानून में प्रस्तावित है.

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