दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की लगातार तीसरी बड़ी हार के बाद पार्टी के भीतर सवाल उठने लगे हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस को यह स्पष्ट करने की जरूरत है कि क्या वह गठबंधन की राजनीति करना चाहती है या अकेले चुनाव लड़ना चाहती है. उन्होंने पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में बुनियादी बदलाव की भी मांग की. हालांकि इस बारे में उन्होंने ज्यादा कुछ नहीं बोला.
'पार्टी के संगठन में मूलभूत परिवर्तन करना भी जरूरी'
बिहार के कटिहार से पार्टी के सांसद तारिक अनवर ने एक्स पर शेयर एक पोस्ट में कहा, 'कांग्रेस को अपनी राजनीतिक रणनीति को स्पष्ट करने की जरूरत है. उन्हें तय करना होगा कि वे गठबंधन की राजनीति करेंगे या अकेले चलेंगे. साथ ही, पार्टी के संगठन में मूलभूत परिवर्तन करना भी जरूरी हो गया है.'
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे शनिवार को घोषित हुए जिसमें कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. पार्टी लगातार तीसरी बार एक भी सीट जीतने में नाकाम रही. कांग्रेस के लिए एकमात्र सांत्वना यह है कि दिल्ली में उसके वोट शेयर में केवल 2 प्रतिशत का मामूली सुधार हुआ है.
बिहार के लिए कसनी है कमर
कांग्रेस को अब बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कमर कसनी है, जो कुछ महीनों में होने वाला है. पार्टी का बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के साथ गठबंधन है. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी केंद्र में इंडिया ब्लॉक का हिस्सा हैं लेकिन विधानसभा चुनावों में दोनों एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ते हैं.
साथियों ने उठाए सवाल
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने कांग्रेस और AAP पर निशाना साधा था. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर 'महाभारत' सीरियल का एक सीन शेयर करते हुए उमर अब्दुल्ला ने लिखा, 'और लड़ो आपस में!'... साफ है कि उनका इशारा दिल्ली में कांग्रेस और AAP के अलग-अलग चुनाव लड़ने के फैसले पर था.
वहीं शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा, 'दिल्ली में भी महाराष्ट्र पैटर्न लागू हुआ. वोटर लिस्ट में धांधली हुई है. चुनाव आयोग चुपचाप बैठा था. अगर कांग्रेस और AAP का गठबंधन हुआ होता तो अच्छा होता. हम पहले दिन से कह रहे थे कि AAP और कांग्रेस के बीच गठबंधन होना चाहिए था. बीजेपी को हराने के लिए साथ आना चाहिए था.'